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रायपुर। प्रदेश के सभी संभागों में एम्स की तर्ज पर सिम्स खोला जाएगा, जिसकी शुरूआत बिलासपुर से हो चुकी है। साय सरकार के पहले डिजिटल बजट में इसका निर्णय लिया गया था। राजधानी के डीकेएस सुपरस्पेशियल्टी अस्पताल में जल्द ही आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू होने वाली है।
शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के माध्यम से राज्य के 77 लाख 20 हजार परिवारों को पांच लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक किए जाने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है।
स्वास्थ्य बजट में 38.5 फीसदी की बढ़ोतरी
पिछले एक साल में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हुआ है। लोगों को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत विशेष स्थितियों में इलाज के लिए 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। बीते नौ माह में करीब 1200 लोगों को 43 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आंबेडकर अस्पताल से मरीजों का दबाव कम करने के लिए परिसर में 231 करोड़ की लागत से 700 बिस्तरीय एकीकृत नवीन अस्पताल भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने स्वास्थ्य बजट 5461 करोड़ को बढ़ाकर 7,563 करोड़ रुपये किया है। स्वास्थ्य बजट में 38.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
पिछले एक साल में मिली प्रमुख उपलब्धियां
सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध चिकित्सालयों की स्वशासी सोसायटियों के बढ़ाए अधिकार।
डीन और अस्पताल अधीक्षक को आवश्यकता अनुसार दो करोड़ रूपये तक के दिए गए वित्तीय अधिकार।
बस्तर में मलेरिया के प्रकरणों में आई 50 प्रतिशत की कमी। पॉजीटिव दर 4.6 से घटकर हुई 0.34 फीसद।
केंद्र सरकार की ओर से राज्य के 266 सरकारी अस्पतालों को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेशन।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम अंतर्गत 26 जिलों में चल रहीं 32 डायलिसिस यूनिट।
एक साल में एक करोड़ 32 लाख लोगों की सिकलसेल एनीमिया की हुई स्क्रीनिंग।
सरकारी अस्पतालों में प्रसव 70.2 प्रतिशत से बढ़कर हुआ 85.7 प्रतिशत।
90 प्रतिशत गर्भवती माताओं को मिल रहा जननी सुरक्षा योजना का लाभ l
राज्य की 11,664 में से 2198 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित।
हृदय रोग से पीड़ित 443 बच्चों का किया गया फ्री इलाज l
मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई
प्रदेश में दस सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। राज्य के युवा बेहतर डॉक्टर बन सकें, इसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए सभी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में भी पढ़ाई की शुरूआत की गई है। एमबीबीएस की सीटें भी बढ़कर 1,460 हो गई हैं।
एक साल के भीतर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 291 स्नातकोत्तर की सीटें बढ़ी हैं, जिससे राज्य को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल रहे हैं। 650 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया जारी है। पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पदों पर कई भर्तियां की गई हैं।
बताते चलें कि पिछले एक साल में 126 विशेषज्ञ चिकित्सक, 395 चिकित्सा अधिकारियों, 95 स्टाफ नर्स, 35 एएनएम, 29 लैब टेक्नीशियन, 54 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के अलावा 149 अन्य पदों पर नियुक्तियां की गई हैं।