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नई दिल्ली: पर्वतीय राज्यों के साथ ही देश के मैदानी प्रदेशों में मौसम का मिजाज बदलने लगा है. मौसम के लिहाज से आने वाले 72 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से ताजा अपडेट जारी किया गया है. मौसम विज्ञानियों ने 16 मार्च से लेकर 18 मार्च तक देश के विभिन्न हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना जताई है. कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि की आशंका भी जताई गई है. IMD का कहना है कि पूर्वी और मध्य भारत में आने वाले समय में मौसम के तेवर तल्ख हो सकते हैं. बता दें कि पूर्वी और मध्य भारत में रबी की फसल तैयार हो रही है. फसल पककर तैयार है और उसकी कटाई का काम चल रहा है. ऐसे में यदि बारिश होती है या फिर ओले गिरते हैं तो किसानों को काफी नुकसान हो सकता है.
उत्तर और पूर्वी भारत में सर्दी का मौसम ढलान पर है. ऐसे में देश के इन हिस्सों में गुलाबी ठंड महसूस की जा रही है. पिछले कुछ सप्ताह में मौसम के तेवर में लगातार बदलाव देखा जा रहा है. कभी तेज धूप तो कभी सामान्य से तेज हवा के साथ हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई है. कुछ इलाकों में तो तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि भी हो चुकी है. मौसम में बदलाव के बीच IMD ने ताजा पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले 72 घंटे काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं. यहां यह गौर करने वाली बात है कि मौसम में लगातार बदलाव की वजह से लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है. सर्दी-जुकाम के साथ बुखार के मामले बढ़े हैं.
16 से लेकर 18 मार्च तक का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग की ओर से 16 मार्च से लेकर 18 मार्च 2024 तक के लिए वेदर फोरकास्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस अवधि के दौरान पूर्वी के साथ ही मध्य भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल से लेकर झारखंड, ओडिशा और बिहार का पूर्वी हिस्सा इससे प्रभावित हो सकता है. पिछले कुछ सप्ताह के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में तेज हवा के साथ बारिश हो चुकी है. कुछ प्रदेशों में तेज ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे व्यापक नुकसान हुआ है.
ओला गिरने का अनुमान
IMD ने एक बार फिर से ओलावृष्टि की संभावना जताई है. मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वनुमान में कहा गया है कि 16 मार्च 2024 को गंगीय पश्चिम बंगाल के अलग-अलग स्थानों में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं. इससे पहले भी देश के पूर्वी के साथ ही मध्य और उत्तरी हिस्सों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हो चुकी है. इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. खेत में खड़ी गेहूं के साथ ही दलहन और तिलहन की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हुईं. आम की फसल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है.