वर्ष का पहला नेशनल लोक अदालत संपन्न…

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– नेशनल लोक अदालत में 99 हजार 995 से अधिक मामले निपटाए गए

राजनांदगांव 09 मार्च 2024राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वाधान, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशन में आज जिले में नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति मोड में आयोजन किया गया। 

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में लोक अदालत आयोजित की गयी। जिला राजनांदगांव, जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एवं जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में न्यायालय में लंबित, राजस्व न्यायालय एवं प्री-लिटिगेशन के 1 लाख 1 हजार 192 प्रकरणों को निराकरण के लिए चिन्हित किया गया। शुक्रवार को जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आलोक कुमार के नेतृव्व में लोक अदालत के आयोजन की सभी तैयारी पूर्ण कर ली गयी थी। नेशनल लोक अदालत आयोजित करने के लिए कुल 44 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस लोक अदालत में लगभग 99 हजार 995 मामलों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया। निपटान किए गए मामलों में कुल 97051 मामले प्री-लिटिगेशन चरण के थे और 2944 मामले ऐसे थे जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे, निपटान राशि लगभग 22 करोड़ 47 लाख 96 हजार 768 रूपए थी। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित मामले, धारा 138 एनआई एक्ट से संबंधित मामले अर्थात चेक से संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद के मामले, श्रम विवाद के मामले, बैंक ऋण वसूली वाद, रूपए वसूली वाद, विद्युत बिल एवं टेलीफोन बिल के मामले, भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले, राजस्व न्यायालय के मामले एवं अन्य राजीनामा योग्य वाद आदि से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में निराकृत हुए प्रकरणों की सफल कहानियां

1-6 वर्ष पुराना मामला नेशनल लोक अदालत में समझौता के आधार पर हुआ निराकृत

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा निर्धारित नेशनल लोक अदालत के अनुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव द्वारा जिला राजनांदगांव में आयोजित की गई। नेशनल लोक अदालत के आयोजन अवसर पर न्यायालय प्रथम अपर जिला न्यायाधीश श्री दीपक के. गुप्ता राजनांदगांव के न्यायालय में लंबित व्यवहार वाद प्रकरण, शौर्य टेलीकॉम कम्यूनिकेशन विरूद्ध आहुआ मोबाईल्स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनियों के मामलें जो कि विगत 6 वर्षों से 34 लाख 43 हजार 560 रूपए के लेेन-देन हेतु लंबित था। मामले को राजीनामा के आधार पर निराकरण की संभावना को देखते हुए प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में रखा गया। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय के न्यायाधीश श्री दीपक के. गुप्ता द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश दिये जाने पर उभयपक्ष अपने मामलों को आपसी समझौते के आधार पर निराकरण हेतु सहमत हुए तथा उनके मामले का निराकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया गया। प्रकरण में दावा में प्रस्तुत न्यायालय शुल्क जिसमें वादी पक्ष द्वारा प्रस्तुत न्यायालय शुल्क 1 लाख 63 रूपए 107 रूपए एवं प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत न्यायालय शुल्क 54 हजार रूपए का कोषालय से वापसी हेतु न्यायालय द्वारा प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया।

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