मौसम की प्रतिकूलता की परिस्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ…

raipur@khabarwala.news

राजनांदगांव 08 दिसम्बर 2023।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानानुसार कृषकों को फसल उत्पादन में क्षति के अतिरिक्त बुआई नहीं हो पाने, रोपण बाधित होने, मौसम प्रतिकूलताओं के कारण नुकसान, स्थानीय आपदाओं की स्थिति होने पर कृषकों को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। शासन द्वारा योजना के तहत कृषकों की फसल खराब होने पर उन्हें बीमा कवर प्रदान किया जाता है, यानि फसल खराब होने पर बीमा दावा राशि कृषकों को प्रदाय की जाती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान पर पीडि़त कृषकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि कृषकों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और कृषकों की आय को स्थिर एवं उनकी खेती में निरंतरता सुनिश्चित हो सके। इस योजना के तहत शासन द्वारा कृषकों को फसलों के नुकसान पर अलग-अलग धन राशि प्रदान की जाती है। अंतिम भुगतान हेतु दावा गणना आयुक्त भू-अभिलेख छत्तीसगढ़ द्वारा अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसलों के लिए निर्धारित न्यूनतम अनिवार्य संख्या में किये गये फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त औसत उपज के आकड़ों के आधार पर की जाती है तथा पात्रता अनुसार दावा राशि बीमा कंपनी द्वारा बैंक के माध्यम से कृषकों के खातों में अंतरित की जाती है।

 

फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिये फैलाकर रखी हुई फसल में नुकसान होने की स्थिति में –

 

फसल कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए फैलाकर रखी हुई अथवा छोटे बंडलों में रखे हुए अधिसूचित फसल को प्राकृतिक आपदा यथा ओला, चक्रवात, चक्रवाती वर्षा एवं बेमौसम वर्षा से अधिसूचित इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फसलों को क्षति होती है, तो ऐसी स्थिति में नमूना जांचकर सभी बीमित कृषकों को क्षति का भुगतान किया जाएगा। यदि अधिसूचित इकाई में 25 प्रतिशत से कम क्षेत्र में हानि होती है, तो उन सभी प्रभावित बीमित कृषकों के नुकसान की जांच कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति के लिए पात्र घोषित की जाएगी, कृषक इसकी सूचना क्रियान्वयक बीमा कंपनी को सीधे फ्री नंबर भारतीय कृषि बीमा कंपनी का टोल फ्री नं. 1800-419-0344 व 1800-11-6515 लिखित रूप में अथवा स्थानीय राजस्व व कृषि विभाग अधिकारियों, संबंधित बैंक अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्ट www.pmfbygov.in में निर्धारित समय-सीमा 72 घंटे के भीतर लिखित रूप से बीमित फसल के ब्यौरे तथा क्षति का कारण सहित सूचित करेंगे। इसके तहत क्राप कैलेण्डर में अंकित फसल कटाई की निर्धारित अंतिम तिथि से यदि कटी हुई अधिसूचित फसल, अधिकतम 2 सप्ताह तक सूखने के लिये फैलाकर रखी जाती है, तो इस अवधि तक के लिए ही वर्णित कारणों से होने वाली क्षति का आंकलन किया जाएगा। योजनांतर्गत फसल कटाई उपरांत अतिवृष्टि से फसल क्षति होने की जानकारी इत्यादि शिकायत निवारण पोर्टल में कर सकते है।

हानि संबंधी सूचना मिलने पर क्रियान्वयक बीमा कंपनी क्षेत्र में फसल की हानि का अनुमान लगाने के लिए फसल क्षति की सूचना प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर हानि निर्धारक की नियुक्ति करेंगी तथा पुर्नगठित मार्गदर्शिका में दिये गये प्रावधानों के अनुसार 10 दिवस के भीतर क्षतिपूर्ति निर्धारित किया जाएगा। जिला एवं विकाससखंड पर्यवेक्षण समिति, संयुक्त समिति के सदस्यों एवं कृषक फसल क्षति का अनुमान लगाने में क्रियान्वयक बीमा कंपनी को आवश्यक सहायता करेंगेे। सांकेतिक, संकेतों, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट, कृषि व राजस्व विभाग के रिपोर्ट को क्षति का आंकलन का आधार बनाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *