राजधानी रायपुर में अवैध रूप से चल रहे चौपाटी पर चलाया जा रहा बुलडोजर …

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रायपुर।  छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है। भाजपा की जीत के बाद अब यहां बुलडोजर की एंट्री हो गई है। राजधानी रायपुर में अवैध रूप से चल रहे चौपाटी पर बुलडोजर चलाया जा रहा है

दरअसल, राजधानी रायपुर के मोतीबाग स्थित सालेम स्कूल के पास अवैध रूप से चल रही चौपाटी पर कार्रवाई करने पुलिस प्रशासन के साथ नगर निगम की टीम वहां पहुंची। हालांकि स्‍थानीय दुकानदारों ने निगम की इस कार्रवाई का विरोध किया है। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम की टीम बगैर किसी सूचना के कार्रवाई करने पहुंची है। मौके पर बड़ी संख्‍या में पुलिस बल तैनात है।

बताया जा रहा है कि इस इलाके में दुकानदार चौपाटी के नाम पर सड़क पर काफी आगे तक दुकानें लगाते हैं, जिसकी वजह से ट्रैफिक की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस वजह से निगम कार्रवाई करने पहुंची है।

छात्राओं ने अवैध चौपाटी को हटाने के लिए किया था प्रदर्शन

बतादें कि सोमवार को मोतीबाग के सामने स्थित सालेम गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने शिक्षिकाओं के साथ स्कूल के सामने सड़क पर हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। तख्ती में स्कूल की दीवार से लगकर रोज शाम के समय लगने वाली अवैध चौपाटी को तत्काल हटाने की मांग लिखी थी।

छात्राओं ने बताया कि चौपाटी में आमलेट, चिकन और मीट के फास्ट फूड की 50 से अधिक दुकानें लगती हैं, जो देर रात तक खुली रहती हैं। यहां पर रोज सैकड़ों युवकों का झुंड लगता है। ये जोर-जोर से बातें और गाली-गलौज करते हैं, स्कूल की दीवार फांदकर शराब पीते हैं। शराब की खाली बोतले स्कूल परिसर में छोड़कर चले जाते हैं।

छात्राओं का कहना है कि दोपहर तीन बजे के बाद के कालखंड की पढ़ाई पर इस माहौल का खासा असर पड़ रहा है। उनका कहना है कि चौपाटी में ठेलेनुमा दुकानें स्कूल के सामने से लेकर स्टेडियम की गली तक लगती हैं। मीट-मटन की दुकाने होने के कारण हर समय उठने वाले धुएं व दुर्गंध से सभी परेशान हैं।

दबाव में चना, भेल वालों को भगाया

निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के दबदबे की वजह से जिला और पुलिस के अफसर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इन दुकानों में जुटने वाले युवकों को पास ही स्टेडियम पुलिस चौकी के स्टाफ का भी डर नहीं रह गया है। इससे पहले मोती बाग के शिव मंदिर की ओर की सड़क पर चना, मटर, भेल के ठेले लगते रहे हैं।

इन चिकन दुकानदारों के दबाव में आकर निगम और प्रशासन की इन ठेले वालों को वहां से भगाने में भूमिका रही है। इनसे शुल्क वसूला जाने लगा था, जिससे परेशान होकर ठेले वाले वहां से भागने को मजबूर हो गए। बताया जा रहा है कि इन ठेले वालों के कारण किचन दुकादारों की आय पर असर पड़ रहा था, इसलिए निगम के जनप्रतिनिधियों की मदद से दबाव बनाकर उन्हें बेदखल करा दिया।

अवैध निर्माण किसकी शह पर?

छात्राओं ने सवाल उठाया कि चौपाटी में कुछ लोगों ने सीमेंट, ईंट से पक्की दुकानें किसके शह पर बनाई है? ये किसी रेस्टोरेंट से कम नहीं हैं। इस पूरे इलाके को चिकन चौपाटी का नाम भी दे दिया गया है। अब निगम और जिला प्रशासन, पुलिस के लोग ही बताएं कि इन दुकानों को अनुमति किसने दी।

इसका विरोध करते हुए छात्राओं और शिक्षिकाओं ने सड़क पर रैली निकालकर लोगों, शासन-प्रशासन का ध्यानाकृष्ट किया। आरोप है कि निगम में सत्तारूढ़ पदाधिकारियों की अघोषित शह और अनुमति से ये दुकानें खोली गई हैं। अधिकांश दुकानदार पास के मोहल्लों के रहने वाले हैं।

 

 

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