20 मिनट तक भालू से लड़ता रहा साहसी युवक…

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झानू नागेश / धमतरी:  सामान्य वन मंडल धमतरी के वन परिक्षेत्र दक्षिण सिंगपुर के ग्राम केकराखोली कक्ष क्रमांक में केकराखोली छोटे पारा के निवासी जंगलुराम कुंजाम 20 मिनट तक भालू के हमले से अपने आप को बचाता रहा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला के दुगली थाना क्षेत्र का मामला है गौरतलब है कि 29 तारीख को जंगलु राम कुंजाम पिता प्रेमलाल कुंजाम उम्र 34 वर्ष अपने खेत मे काम करने के पश्चात मोबाइल से बात करते हुए घर लौट रहा था उसी दरमियान पहाड़ी रास्ते से शाम 5 6:00 बजे जंगली भालू उतर रहा था तभी रास्ते में मुठभेड़ हो गया और जब दोनों की नजरे मिली तो भालू ने जोरदार आवाज करके युवक जंगलुराम कुंजम पर टूट पड़ा और वह उस जंगली भालू से लगभग 20 मिनट तक लड़ते हुए संघर्ष कर रहा था और अपने आप को बचा रहा था फिर भी जंगली भालू ने अपने पंजों से वार करके जंगलु राम को जमीन पर गिरा रहा था लेकिन जंगलु राम ने अपने साहस का परिचय देते हुए उस जंगली भालू से लड़ता रहा और लहू लुहान हालत में रहकर भी वह अपने आप को बचाता रहा वह चिल्लाता रहा लेकिन गांव से दूरी होने के कारण कोई उनकी आवाज नहीं सुन पाया पता चला है कि जंगलु राम के दाहिने माड़ी बायी जांघ दाहिनी कोहनी एवं बाई कलाई में गहरी चोटे आई है जैसे तैसे अपनी जान बचाकर घर वापस आया तो वह बेहोश हो गया तभी एंबुलेंस 108 को फोन किया गया फिर एंबुलेंस के सहारे जंगलुराम को सरकारी अस्पताल धमतरी लाकर भर्ती कराया गया जहां पर उनका इलाज किया गया अस्पताल सूत्रों के अनुसार जंगलु राम के उपचार कर रहे हैं डॉक्टर के द्वारा थाना चौकी में जानकारी दे दी गई है तथा थाना क्षेत्र दुगली मे इनकी जानकारी भेजी जा चुकी है आगे के करवाई होने की संभावना है इस संबंध में दक्षिण सिंगपुर क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री सरयू प्रसाद सागर से दुरभाष से बात की गई उन्होंने कहा यदि किसी जंगली जानवर के हमला करने की जानकारी जैसे ही मिलती है तो वन विभाग के द्वारा वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हैं और अभी तक हमारे पास किसी को भालू की हमला करने की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है जैसे ही जानकारी या सूचना मिलेगी शासन के नियम के अनुसार कार्यवाही करेंगे जंगलुराम ने बताया कि भालू के नाखून से उनके हाथ और पैर में दो से तीन इंच गहरा घाव हो गया और अस्पताल में डॉक्टर के द्वारा उचित उपचार किया है और दर्द से छुटकारा भी मिला है 5 दिन बाद अस्पताल से आज दिनांक 5 मार्च को छुट्टी कर दी गई है तथा उन्होंने कहा कि घर में मैं ही अकेला कामकाज करने वाला व्यक्ति हूं और मेरे घर की आर्थिक स्थिति खराब है यदि वन विभाग द्वारा मेरे उपचार के लिए सहायता राशि मुहैया करा दी जाती है तो बहुत मेहरबानी होगी उन्होने शासन प्रशासन से सहयोग राशि की मांग की है.

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