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– (अंतर्राष्ट्रीय नर्सेस दिवस विशेष)
बिलासपुर, 11 मई 2022, स्वास्थ्य सेवा में नर्सों का स्थान अहम है। चाहे कोविड-19 के से प्रभावित रोगियों की सेवा करना हो या फिर सामान्य बीमारी से जूझ रहे मरीजों की सेवा को संभालना, नर्सिंग स्टाफ भी अपने आप में डॉक्टर से कम नहीं हैं। सेवा भावना और कर्तव्य के प्रति दृढ़संकल्प लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तखतपुर की रितिका डेनियल भी लोगों की सेवा में तत्पर होकर उनमें जीने का हौसला देकर सकारात्मक सोच रखने की सीख दे रही हैं।
प्रेरणा से बनीं नर्स रितिका डेनियल – सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तखतपुर की सीनियर स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत रितिका कहती हैं “कोविड काल में भी छोटे बच्चों को छोड़कर ड्यूटी की और मरीजों को जरना नहीं बल्कि स्वच्छता और दृढ़ इच्छाशक्ति के जरिए बीमारी से जीतने की सीख दिया, मगर सीआरपीएफ के एक जवान का जीवन बचाकर जीने का हौसला देना मुझे हर समय याद आता है। उन्होंने बताया जब मैं निजी अस्पताल में आईसीयू में तैनात थी और एक सीआरपीएफ जवान जिसका बम विस्फोट में अक आंख और पैर क्षतिग्रस्त हो गया था उसको जीने की तमन्ना नहीं थी, मगर उसे जीने का हौसला दिया और वह स्वस्थ होकर जब अस्पताल से विदा हुआ तो उसने धन्यवाद देते हुए कहा सिस्टर आप नहीं होती तो शायद मैं जिंदा नहीं होता। यह उम्रभर नहीं भूलेगा।“ पढ़ाई के दौरान पिताजी लकवा ग्रस्त हो गए जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और फिर बाद में घर में भी उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान मां और रीतिका को रखना पड़ता था। तब वहां नर्स और उनके सेवा कार्य को देखकर मन में ुन्हीं की तरह नर्स बन कर सेवा करने की प्रेरणा मिली। मुझे कुछ पता नहीं था मगर नर्स का कार्य मुझे भी काफी भाया। उनका कहना है सेवा निवृत्ति के बाद भी सेवा कार्य करती ही रहेंगी।