बीमार बच्चों के ईलाज के लिए एक अच्छी पहल- संसदीय सचिव शोरी

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उत्तर बस्तर कांकेर 05 अगस्त 2022 :राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत चिरायु टीम द्वारा विभिन्न श्रेणी के चिन्हांकित बच्चों जैसे-जन्मजात विकृति, कटेफटे होंठ, तालू छेद, क्लबफुड, जन्मजात मोतियाबिन्द आदि गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों एवं मानसिक दिव्यांग व अन्य सभी दिव्यांग बच्चों सहित शिक्षा विभाग द्वारा चिन्हांकित बीमार बच्चों का रायपुर से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा एवं मेडिकल कॉलेज कांकेर के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया। इसके लिए मातृ एवं शिशु रोग विभाग अलबेलापारा कांकेर में दो दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन चारामा, भानुप्रतापपुर, कांकेर एवं नरहरपुर विकासखण्ड से पहुंचे 470 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया। शिविर में सीएचडी के 37, क्लब पैर के 06, दृष्टि दोष के 31, न्यूरो मोटर हानि के 59, डाउन सिंड्रोम के 03, जन्मजात हिप विकृति के 04, भाषण एवं भाषा में देरी के 03, सीखने में देरी के 06, संज्ञानात्मक विलंब के 07, आटिज्म के 08, गुरदे की बीमारी के 09, रीढ़ की हड्डी की समस्या के 10, श्रवण दोष के 11, जन्मजात मोतियाबिन्द के 12, जन्मजात बहरापन के 13, समयपूर्वता की रेटिनोपैथी के 14, ऑर्थो संबंधित के 15, दांत से संबंधित के 16, त्वचा संबंधित के 09, गंभीर कुपोषित के 36, नाक-कान-गला के 07 और अन्य बीमारियों से संबंधित 154 बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार मेगा स्वास्थ्य शिविर में किया गया।

मेगा स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव एवं स्थानीय विधायक श्री शिशुपाल शोरी ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। जिले के गंभीर कुपोषित बीमार एवं जन्मजात विकृति वाले 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर उपचार किया जा रहा है तथा ऑपरेशन योग्य बच्चों के ईलाज भी जिला प्रशासन द्वारा निःशुल्क किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जन्मजात विकृति के कारण मॉ-बाप को अपने बच्चों के भविष्य के प्रति बहुत चिंतित रहते हैं, पालक इन बच्चों को बोझ न समझें, इन बच्चों में कठिनाईयों से जूझने का जज्बा होता है, इन्हें अच्छा संसाधन एवं माहौल मिले तथा उनका उचित उपचार हो तो ये बच्चे भी आगे बढ़ सकते हैं। पालक अपने ऐसे बच्चों पर ध्यान दें, सरकार आपके साथ हमेशा खड़ी है।

जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव ने कहा कि जिला प्रशासन की अच्छी शुरूआत है। बीमार बच्चों के निःशुल्क ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। पालक अपने बच्चों का ईलाज जरूर करायें, जिनका ईलाज यहां संभव नहीं होगा, उनका रायपुर में ईलाज कराया जायेगा।

कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने अपने बीमार एवं दिव्यांग बच्चों के ईलाज कराने पहुंचे पालकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज यहां पर गंभीर कुपोषित, बीमार, जन्मजात विकृति, दिव्यांग बच्चों के ईलाज के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयेजन किया गया है। जिन बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण की आवश्यकता महसूस कर रहे हों तो उनका स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करायें। स्वास्थ्य के साथ ही शिक्षा पर ध्यान देने के लिए पालकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति आप ध्यान दे ही रहे हैं, शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दें। यदि बच्चा मेहनत करता है और अच्छा पढ़ाई करता है तो वह जीवन में उच्च पद पर भी पदस्थ हो सकता है तथा अपने जीवन में उपलब्धि हासिल कर सकता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. उईके ने मेगा स्वास्थ्य शिविर के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में 18 वर्ष तक के गंभीर बीमार, जन्मजात विकृति वाले बच्चों एवं गंभीर कुपोषित बच्चों का उपचार किया जायेगा। जिनका उपचार केवल ऑपरेशन से ही संभव होगा, उनका निःशुल्क ईलाज चिरायु योजना के तहत् कराया जायेगा। निःशुल्क मेगा स्वास्थ्य शिविर के शुभारंभ अवसर पर जिला पंचायत के सदस्य नरोत्तम पडोटी, नगरपालिका परिषद कांकेर के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र ठाकुर, मेडिकल कॉलेज कांकेर के डीन एम.एल. गर्ग सहित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

आज आयोजित मेगा स्वास्थ्य शिविर में समाज कल्याण विभाग द्वारा 30 दिव्यांग बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा 160 दिव्यांग बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न स्कूलों से 342 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, इनमें नरहरपुर विकासखण्ड के 72, चारामा विकासखण्ड के 49, भानुप्रतापपुर के 125 और कांकेर विकासखण्ड के 96 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना शामिल है।

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