छत्तीसगढ़ में वेटलैण्डों (आर्द्रभूमि) के विकास के लिए विशेष पहल…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 02 अगस्त 2022 :छत्तीसगढ़ में कुल 35 हजार 534 वेटलैण्ड हैं, जिसमें से 2.25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 7 हजार 711 वेटलैण्ड हैं तथा 2.25 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के 27 हजार 823 वेटलैण्ड हैं। इन समस्त वेटलैण्डों का क्षेत्रफल 3 लाख 37 हजार 966 हेक्टेयर है, जो राज्य के जियोग्राफिक एरिया का 2.5 प्रतिशत होता है। गौरतलब है कि वेटलैण्ड को पारिस्थितिकीय तथा स्वस्थ्य पर्यावरण के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में वेटलैण्डों के विकास के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही जारी है।

 

यह जानकारी वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी की बैठक में दी गई। बैठक में कार्ययोजना के प्रथम चरण अंतर्गत राज्य में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वेटलैण्डों के समन्वित रूप से विकास के लिए विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री चन्द्रदेव राय, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुवा, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक एवं वनबल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री पी.वी. नरसिंग राव, सचिव वन श्री प्रेम कुमार, राज्य योजना आयोग के सदस्य श्री के. सुब्रमणियम, राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी के सदस्य सचिव श्री अरूण पांडेय सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

बैठक में चर्चा करते हुए राज्य में वेटलैण्डों के विकास के लिए कार्ययोजना के प्रथम चरण अंतर्गत प्राकृतिक रूप से उपलब्ध वेटलैण्डों को शामिल करने का अहम निर्णय लिया गया। इस दौरान राज्य में प्राकृतिक वेटलैण्डों की सूची तैयार करने के साथ-साथ उनका इन्वेंट्री आदि तैयार करने के संबंध में भी चर्चा हुई। इसके अलावा नव गठित छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी के कार्य तथा राज्य के प्रमुख वेटलैण्ड्स के सरंक्षण एवं प्रबंधन की कार्ययोजना तैयार करने हेतु विशेषज्ञ संस्थाओं के चयन आदि के संबंध में चर्चा की गई।

 

बैठक में छत्तीगढ़ राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी हेतु वेटलैण्ड के संरक्षण एवं संवर्धन संबंधी कार्यों के लिए नवीन बजट मद सृजित करने और अथॉरिटी में सी.जी. कास्ट के वैज्ञानिकों को को-ऑप्ट करने दो सदस्यों में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख छत्तीसगढ़ तथा वैज्ञानिक ‘ई 1’ डॉ. पी. कविश्वर के चयन का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा राज्य की आर्द्र भूमि (वेटलैण्ड) के संरक्षण के लिए क्षेत्रीय कार्यों के संपादन हेतु जिला स्तरीय समितियों के गठन के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में विशेष सचिव श्री जे.पी. पाठक, संचालक श्री एन.एस. नाग, संचालक श्रीमती चंदन त्रिपाठी तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *