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-स्वास्थ्य जांच के साथ ही पौष्टिक आहार और स्वच्छता के बारे में दी गई जानकारी
-मौसमी बीमारियों से बचाव के सुझाए गए उपाय
कोरबा. 8 जून 2022, छत्तीसगढ़ की विशेष जनजातियों में एक अतिसंरक्षित जनजाति बिरहोर को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में बारिश प्रारंभ होने के पूर्व उन्हें मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। जिसमें 67 लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें उचित परामर्श प्रदान किया गया। साथ ही उन्हें स्वच्छता के महत्व को बताकर शरीर की नियमित सफाई करने और पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी भी दी गई।
हरी पत्तेदार सब्जियों और पौष्टिक आहार का करें सेवन- जिले के देवपहरी के आश्रित गॉव देवद्वारी में लगे स्वास्थ्य शिविर में कुसुम और करीमा बाई को पौष्टिक आहार के बारे में जानकर काफी आश्चर्य हुआ। इस मौके पर करीमा बाई ने बताया: “वनक्षेत्र होने की वजह से कंदमूल ही ज्यादातर यहां मिलता है, जिसे हम खाते हैं I परंतु हरी पत्तेदार साग-सब्जियों और दाल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, यह शिविर में आकर ही पता चला।“
वहीं कुसुम ने बताया: “मुझे गर्भावस्था के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए यह चिकित्सकों ने बताया। उन्होंने पानी को उबालकर पीने, कंदमूल को भी अच्छी तरह से साफकर ही खाने, नियमित टीकाकरण कराने, गर्भावस्था और प्रसव पश्चात स्वास्थ्य देखभाल और खान-पान के बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने जांच कर मुझे दवाएं भी दी हैं। शिशु के विकास के लिए मैं सुपोषित आहार भी लूंगी।“
इस संबंध में जानकारी देते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक राज ने बताया: “अतिसंरक्षित जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के उद्देश्य से समय-समय पर क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। बारिश प्रारंभ होने से मौसमी बीमारियां उल्टी-दस्त डायरिया, बुखार से पीड़ितों की संख्या बढ़ जाती है। बरसात के समय में यह क्षेत्र अन्य क्षेत्रों से लगभग कट जाता है, इसलिए इस समय यहां शिविर लगाना अति आवश्यक था। शिविर में कुल 67 लोगों को स्वास्थ्यगत परामर्श दिया गया ताकि वे मौसमी महामारी के प्रकोप से बचे रह सकें ।“
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) सुमन यादव ने बताया: “ज्यादातर महिलाएं खून की कमीं, कमजोरी से पीड़ित मिलीं तो वहीं चर्म रोग से ग्रसित भी कई मरीज मिले। कई बच्चे टीकाकरण से वंचित थे, उन्हें टीके भी लगाए गए तथा जो गंभीर थे उन्हें जिला अस्पताल जाने की सलाह भी दी गई।“
हुई विभिन्न जांच और मिला निःशुल्क परामर्श- विभाग की ओर से लगाए गए शिविर में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस दौरान बुखार, उल्टी-दस्त, चर्म रोग खुजली के रोगी मिले, जिन्हें उचित परामर्श एवं दवाएं दी गई। साथ ही क्षेत्रीय लोगों के रक्तचाप, शुगर की जाँच, गर्भवती महिलाओ की जाँच, मलेरिया की जांच एवं बच्चों का टीकाकरण भी किया गया। शिविर में कमजोरी से पीड़ित लोगों को इंजेक्शन एवं आई वी ड्रीप भी लगाया गया।