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अगले दिन यह उसी क्षेत्र में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन में बदल सकता है. यह साइक्लोनिक सर्कुलेशन अधिक संगठित हो जाएगा और 22 सितंबर को तट के करीब भी आ जाएगा. एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो अगले दिन 23 सितंबर को अंतर्देशीय क्षेत्र में आगे बढ़ेगा. यह सिस्टम लगभग पश्चिम की ओर बढ़ेगा और ओडिशा तट से गुजरात और कोंकण तक एक बड़े हिस्से को पार करेगा. मौसम की गतिविधि 21 सितंबर की सुबह से ही शुरू हो जाएगी.
22 और 23 सितंबर को साइक्लोनिक सर्कुलेशन का पैमाना और विस्तार बढ़ जाएगा. 24 और 25 सितंबर को गतिविधि गति पकड़ेगी और इसका विस्तार बढ़ेगा. 26 और 27 सितंबर को इसकी तीव्रता और कवरेज और बढ़ जाएगी. यह सिस्टम ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और गुजरात राज्यों को कवर करेगा. इसका प्रभाव दक्षिण में कर्नाटक के कुछ हिस्सों और पश्चिम में पूर्वी राजस्थान तक भी पहुंच सकता है. दक्षिण-पश्चिम मानसून जो आमतौर पर 30 सितंबर तक गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी तथा उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से वापस चला जाता है, इस बार रुक सकता है और वापसी अक्टूबर तक हो सकती है.”