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इंदौर : देश में अब आठवें वेतन आयोग की चर्चा शुरू हो गई है। संभावना है कि सरकार 1 जनवरी 2026 से देश में आठवां वेतन आयोग गठित कर सकती है। सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन में बदलाव आएगा। हालांकि, सरकार की ओर से इस मामले में कोई पुष्टि नहीं की गई है।
क्यों जताई जा रही संभावना
दरअसल, केंद्र सरकार हर दस साल में नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करती है। सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था। ऐसे में संभावना है कि इसके 10 साल पूरे होने पर 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू हो सकता है।
11 हजार रुपये का हुआ था फायदा
सरकार ने सातवें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर तय किया था। इससे कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव देखने को मिला था। इस फैसले के चलते कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये तक पहुंच गया था। छठवें वेतन आयोग में यह सात हजार रुपये था।
इसके अलावा न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर हजार रुपये हो गई थी। वहीं अधिकतम वेतन ढाई लाख रुपये और अधिकतम पेंशन 1 लाख 25 हजार रुपये तक पहुंच गई थी। बता दे कि फिटमेंट फैक्टर का उपयोग वेतन और पेंशन की गणना के लिए किया जाता है।
8 वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट
उम्मीद की जा रही है कि सरकार 8 वें वेतन आयोग के लिए सरकार 1.92 फिटमेंट लागू कर सकती है। इससे न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 34 हजार 560 रुपये तक पहुंच सकता है। साथ ही न्यूनतम पेंशन भी 17,280 रुपये तक हो सकता है।
मनमोहन सरकार ने किया था गठन
सातवें वेतन आयोग का गठन मनमोहन सरकार के दौरान किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को इस आयोग का गठन किया था। आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को रिपोर्ट पेश की ओर मोदी सरकार में 1 जनवरी, 2016 को आयोग की सिफारिशें लागू कर दी गई थी।