बस्तर के पत्रकारों की नि:शर्त रिहाई की जाए : नितिन चौबे 

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  •  कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर हटाए गए एवं डिलीट किए गए सीसीटीवी फूटेज रिकवरी के आदेश दिया उप मुख्यमंत्री गृहमंत्री विजय शर्मा ने 

  •  उप मुख्यमंत्री अरुण साव को ज्ञापन सौंपकर नि: शर्त रिहाई की मांग की 

रायपुर। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) की छत्तीसगढ इकाई ने 11 अगस्त को बस्तर के 4 टीवी पत्रकारों को कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर की साजिश के तहत सीमा पर आंध्रा पुलिस से गिरफ़तार करवाने के मामले में उपमुख्यामंत्री गृहमंत्री विजय शर्मा से फोन पर चर्चा कर साजिश करने वाले टीआई अजय सोनकर पर कार्रवाई करने की मांग की। वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव को ज्ञापन सौंपकर चारो पत्रकार साथियों की नि:शर्त रिहाई की मांग की। उपमुख्य मंत्री अरुण साव ने इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ से फोन पर चर्चा कर इस मामले का जल्द से जल्द निराकरण करने का निर्देश दिया।

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्री य सचिव एवं छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन चौबे के नेतृत्व में पत्रकारों का एक दल मंगलवार को उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मिला।

श्री चौबे ने पुलिस की साजिश की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चारो पत्रकार बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह , मनीष सिंह, निशु त्रिवेदी अवैध रेत मामले की खबर की पड़ताल करने कोंटा पहुंचे थे। पत्रकारों को खबर मिली थी कि छत्तीासगढ़ के बॉर्डर के निकट स्थिति नदी से लगातार रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है और रेत की तस्करी आंध्रप्रदेश भेजकर की जा रही है ! चारो पत्रकार इसकी पडताल करने कोंटा पहुंचे थे। इसी दौरान कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर ने साजिश के तहत कार की डिक्की का ताला तोड़ कर अवैध मादक पदार्थ गांजा रखवा दिया। इसके बाद जब पत्रकार थाने से रवाना हुए तो सीमावर्ती थाना चिंतुर जिला अल्लूरी सीताराम राजू के थाना प्रभारी को दे दी। साजिश से बेखबर पत्रकार जैसे ही सीमा पार पहुंचे चिंतुर थाने की टीम ने उन्हें् गिरफ़तार कर लिया। सभी पत्रकार साथियों ने गिरफ़तार किए गए पत्रकार बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह, निशु त्रिवेदी को निःशर्त रिहा करने की मांग की और उनके खिलाफ बनाए गए फर्जी प्रकरण को निरस्त करने की भी मांग की। इस अवसर पर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखनंदन बंजारे, प्रदेश संयुक्ता सचिव संतोष महानंद, प्रदेश सचिव विक्की पंजवानी, रायपुर जिला अध्यजक्ष दिलीप सा‍हू, जिला महासचिव नदीम मेमन, कोषाध्यक्ष अमित बाघ, कोऑर्डिनेटर तजीन नाज व लविंदर सिंह, सचिव खुश्बू ठाकरे, अजय श्रीवास्तव, कुलभूषण सिंह ठाकुर, गोपी सा‍हू, जिज्ञासा चंद्रा, करिश्मा, सुधीर वर्मा, शशीकांत साहू, अद्वैत नायक, प्रेम निर्मलकर सहित अन्य पत्रकार साथी शामिल थे।

हटाया टीआई को व सीसीटीवी फूटेज रिकवर करने के निर्देश

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय सचिव एवं छत्ती,सगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यजक्ष नितिन चौबे ने घटना के बाद रविवार को देर शाम उपमुख्युमंत्री विजय शर्मा से फोन पर चर्चा की । गृहमंत्री श्री शर्मा ने इस मामले में बस्तर आईजी पी सुंदरराज से चर्चा कर थाना प्रभारी को हटाने का निर्देश दिया एवं थाने के डिलीट किए गए सीसीटीवी के फूटेज को रिकवर करने का आदेश दिया।

पत्रकारों की नि:शर्त रिहाई का प्रयास जारी

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) ने अपनी आंध्रप्रदेश इकाई के माध्यम से वहां गिरफ़तार हुए साथियों की नि:शर्त रिहाई का प्रयास शुरू कर दिया है। बीएसपीएस के राष्‍ट्रीय सचिव नितिन चौबे ने मामले की पूरी जानकारी आंध्रप्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष वीरभद्रराव को दी है। वीरभद्र राव ने इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से इस संबंध में चर्चा कर पत्रकारों पर दर्ज फर्जी प्रकरण रद़द करने की मांग की है।

निष्पक्ष पत्रकारिता के खिलाफ साजिश निंदनीय : गंगेश द्विवेदी

भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव गंगेश द्विवेदी ने कोंटा टी आई अजय सोनकर के इस कृत्य की घोर निंदा करते हुए कहा है कि टीआई सोनकर के इस कृत्य से ना केवल निष्पक्ष पत्रकारिता प्रभावित हुईं हैं बल्कि कोंटा थाना टी आई ने अपने विभाग को भी कलंकित करने का काम किया हैं। टी आई की साजिश प्रमाणित हो चुकी है, थाना प्रभारी को कोंटा थाने से हटा दिया गया हैं। हमारी मांग हैं की चारो पत्रकार बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह , मनीष सिंह, निशु त्रिवेदी को निःशर्त रिहा की जाए और उनके खिलाफ बनाए गए फर्जी प्रकरण को निरस्त किया जाए।

 

 

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