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- जांच में पीड़ितों में ना तो डेंगू, चिकनगुनिया और ना ही कोविड मिल रहा है। -सांकेतिक चित्र।
- जबलपुर के अस्पतालों में आ रहे ज्वर पीड़ित कर रहे हैं शिकायत।
- परीक्षण में ना डेंगू, ना ही चिकुनगुनिया मिल रहा और ना ही कोविड।
- तेजी से फैल रही बारिश में बीमारियां, अस्पतालों में मरीजों की भीड़।
जबलपुर। मानसून हावी होने के बाद नगर में वायरल संक्रमण (इंफेक्शन) तेजी से फैल रहा है। सरकारी अस्पतालों में आ रहे कई मरीज पांच दिन तक बुखार ठीक नहीं होने की शिकायत कर रहे है। कुछ मरीज सर्दी-खांसी, बुखार के साथ कोरोना जैसी थकान होने और मुंह का स्वाद जाने से घबरा रहे है। अच्छी बात यह है कि जांच में पीड़ितों में ना तो डेंगू, चिकनगुनिया और ना ही कोविड मिल रहा है।
रोग के लक्षण और प्रभाव में अंतर
चिकित्सकों के अनुसार वायरस अपना चरित्र बदलता रहता है। इसके कारण रोग के लक्षण और प्रभाव में अंतर आता है। अभी कुछ मरीज बुखार उतरने के बाद भी कमजोरी और हाथ-पैर में पीड़ा की शिकायत कर रहे है। घबराने की आवश्यकता नहीं है। उचित उपचार और संतुलित पौष्टिक भोजन से शीघ्र स्वास्थ्य में सुधार हो जाता है।
ओपीडी में भीड़, वार्ड भर गए
मेडिकल काॅलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में गत दिनों में सर्दी-खांसी और बुखार के पीड़ित बढ़े हैं।
बच्चे भी बीमार पड़ रहे है। मेडिकल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन दो हजार और जिला अस्पताल की ओपीडी में औसतन सात सौ मरीज पहुंच रहे है।
इसमें सबसे अधिक मौसमी रोगों के पीड़ित है। डायरिया पीड़ित भी बढ़े है। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीज भर्ती हुए है।
हृदय, किडनी, मस्तिष्क तक प्रभावित
वायरल बुखार में मुंह का स्वाद जाना और कमजोरी लगना सामान्य है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनके स्वास्थ्य में सुधार में कुछ अधिक समय लगता है। मधुमेह पीड़ित के लिए सामान्य बुखार भी नुकसानदायक होता है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। अभी कुछ मामले आए है जिसमें बुखार और पीड़ित का मधुमेह स्तर अनियंत्रित होने के कारण हृदय, किडनी और मस्तिष्क प्रभावित हुआ है।- डाॅ. आरएस शर्मा, मेडिसिन एवं हृदय रोग विशेषज्ञ
एक से कई हो रहे बीमार
जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि वायरस नाक-मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
वायरस प्रभावी होने पर स्वाद महसूस नहीं होता है। बीमार होने पर आंख और नाक से पानी आता है।
मसल्स तक संक्रमण पहुंचने पर कमजोरी लगती है। यहां तक कि हाथ उठाने व पैर हिलाने में भी कष्ट होता है।
वायरल बुखार संक्रामक होता है। इसलिए पीड़ित मास्क पहनना चाहिए।
लापरवाही पर संक्रमण एक व्यक्ति से परिवार के दूसरे सदस्यों को भी रोग चपेट में ले लेता है।