कलेक्टर ने जल संरक्षण एवं पौधरोपण के मद्देनजर उद्योग, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा कृषि, उद्यानिकी, वन एवं अन्य संबंधित विभागों की ली संयुक्त बैठक…

raipur@khabarwala.news

राजनांदगांव 07 जून 2024कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज कलेक्टारेट सभाकक्ष में मिशन जल रक्षा अभियान अंतर्गत जल संरक्षण एवं पौधरोपण के मद्देनजर उद्योग, स्वयं सेवी संस्थाओं तथा कृषि, उद्यानिकी, वन एवं अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक ली। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि राजनांदगांव जिले में सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट अनुसार 3 ब्लॉक राजनांदगांव, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ अपने जल स्तर के गंभीरता के स्तर में आ चुके हैं। जिले के 85 प्रतिशत भू-जल का उपयोग अभी तक सिंचाई के लिए किया जा चुका है। जल का इतना अधिक दोहन भविष्य के लिए जल संकट की एक शुरूआत है। समय रहते इसका समाधान नहीं किया गया तो इसके दुष्परिणाम जल संकट के रूप में सामने आएगा। उन्होंने कहा कि जिले के सभी उद्योग अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए पौधरोपण तथा जल संरक्षण की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि ऐसे कई शहर है, जहां नदियों के किनारे सभ्यता विकसित हुई है और लोग जाकर बसे हैं। तेजी से गिरते हुए भू-जल स्तर को देखते हुए हमें सतर्क हो जाना चाहिए, यह एक गंभीर विषय है। आने वाले पीढ़ी के लिए इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। जिला प्रशासन द्वारा मिशन जल रक्षा अंतर्गत जनसहभागिता से यह कार्य करना है। जल संरक्षण के लिए बनाई गई जलीय संरचना को ठीक करने की जरूरत है। उद्योग इस बात पर विशेष ध्यान दें कि जलीय संरचना में दूषित पानी नहीं जाना चाहिए। पौधरोपण के माध्यम से वातावरण के तापमान को कम करने के लिए कार्य करें। हम सभी मिलकर जिले और शहर की बेहतरी के लिए अच्छा कार्य कर सकते हंै। 

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण है, जहां पौधरोपण के प्रति लोगों ने प्रतिबद्धता एवं समर्पण के साथ कार्य किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में सोनहत के श्री वाल्मिकी दुबे ने जागरूकता की अलख जगाकर व्यापक पैमाने पर पौधे लगाए। उन्होंने कहा कि अपने प्रियजन की स्मृति में पौधे लगाएं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लें। कलेक्टर ने कहा कि पौधे लगाने के साथ ही पौधों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करने की जरूरत है। ऐसे व्यक्तियों एवं संस्थाओं का चिन्हांकन करें, जिनमें पौधरोपण के लिए कार्य करने का एक जज्बा हो। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की इस समस्या को दूर करने के लिए पौधरोपण के साथ ही जलीय संरचना को ठीक करने, कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जिले में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग, मनरेगा के तहत फलदार एवं छायादार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। अब तक लगभग पौने दो लाख पौधे विभागों द्वारा तैयार किए गए हैं। इन पौधों को लगाने के लिए भूमि का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं से कहा कि पौधरोपण के लिए जनसामान्य को प्रोत्साहित करें। बारिश के मौसम के जून के अंत में पौधरोपण करना प्रारंभ कर सकते हैं। उन्होंने रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संचयन तथा भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए कहा। विभिन्न उद्योगों से आए प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए तथा विचार साझा किए।

जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि मिनी परकोलेशन टैंक, गोबियन स्ट्रक्चर चेक डैम, सोख्ता गड्ढा जैसे विधियों के माध्यम से जल संरक्षण किया जा रहा है। जिले में जल संरक्षण वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हंै। मनरेगा के श्री फैज मेनन ने प्रजेंटेशन के माध्यम से जल संरक्षण के उपायों के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डे, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री राजेश शर्मा, प्रेस क्लब के संरक्षक श्री सुशील कोठारी, उद्याचल के श्री अशोक मोदी, वृक्ष गंगा ग्रुप के श्री दिलीप कुमार गुप्ता, सनातन धर्म महासभा के श्री संतोष पटाक, जिला तीरंदाजी संघ के श्री कुशल रजक, प्लांट नर्सरी के श्री अनुप, स्कूलों से आए प्रतिनिधि, बड़ी संख्या में एजीओ तथा उद्योगों के प्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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