शुरुआत में नहीं दिखते उच्च रक्तचाप के बाहरी लक्षण…

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– आज मनाया जाएगा विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, लोगों को किया जाएगा जागरूक

बिलासपुर, 16 मई, 2022, हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी उच्च रक्तचाप इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि इस बीमारी का कोई विशेष लक्षण या संकेत नहीं मिलता है। इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिले में 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान जिला चिकित्सालय एवं विकासखंड स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता हेतु उच्च रक्तचाप (बीपी) और शूगर (मधुमेह) की विशेष जांच की जाएगी। ओपीडी पहुंचने वाले मरीजों को उच्च रक्तचाप से सम्बंधित बीमारी और उसकी रोकथाम के बारे में जागरूक और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।

इस बारे में सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया, ” हाइपरटेंशन ऐसी स्थिति है जिसके शुरुआत में सामान्यतः कोई बाहरी लक्षण या संकेत नहीं दिखता है, इसलिए इसे साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए रक्तचाप की जांच समय-समय पर करानी चाहिए। आम लोगों को रक्तचाप , उच्च और निम्न रक्तचाप के बारे में विस्तार से बताने के उद्देश्य से जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में रक्तचाप और मधुमेह की स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही साथ जीवनशैली में क्या बदलाव करें, खान-पान कैसा रखें, किन वस्तुओं से परहेज करें, के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।“

आगे उन्होंने बताया,” हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है। कुछ आम लक्षण हैं जिन्हें हाई बीपी की समस्या की चेतावनी के तौर पर देखा जा सकता है। दिल की असामान्य गति, चश्मे का नंबर अचानक से बढ़ना या कम होना, सिरदर्द, नाक से खून बहना, कान का बजना, थकान, जी मचलना, उल्टी, घबराहट, सीने में दर्द और मांसपेशियों में कंपन शामिल हैं। इससे बचने के लिए न केवल खान-पान और जीवन शैली पर ध्यान देने की जरूरत है बल्कि तनाव को कम करना और शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए व्यायाम, योगा और प्राणायाम भी बेहद जरूरी है।“

उच्च रक्तचाप के कारण- नमक की अधिक मात्रा में सेवन, अनियमित दिनचर्या, तनाव,धूम्रपान व नशीले चीजों का सेवन करना, अनियमित खानपान व अत्यधिक वजन का बढऩा आदि I

रोकथाम एवं उपचार- अधिक फल और सब्जियां का सेवन करना, नमक का कम उपयोग करना, तंबाकू के सेवन से बचना, नियमित समय पर जांच व परामर्श कराना, योगा व एक्सरसाइज नियमित रूप से करना, फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा नहीं करना आदि।

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