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हार्ट अटैक आने से कुछ दिनों पहले मरीजों के शरीर में कई तरह के संकेत नजर आने लगते हैं। आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में-
हार्ट अटैक से पहले हमारा शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है। किसी भी मरीज को हार्ट अटैक तब आता है, जब हृदय में ब्लड का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो (why heart attack comes) जाता है। हार्ट में ब्लड की रुकावट आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण हो सती है। वसायुक्त और कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव को प्लाक कहते हैं। प्लाक बनने की प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस (What is atherosclerosis) कहा जाता है। कभी-कभी, प्लाक फट सकता है और थक्का बन सकता है, जो ब्लड के प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है। ब्लड के सर्कुलेशन की कमी के कारण हृदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान पहुंच सकती है या ये नष्ट हो सकती है। किसी भी हार्ट के मरीजों को हार्ट अटैक आने से करीब 2 से 10 दिन पहले हार्ट अटैक के लक्षण दिखने लगते हैं। यह बढ़ती उम्र के साथ काफी आम है। आइए जानते हैं हार्ट अटैक से पहले मरीजों को किस तरह के लक्षण दिखते हैं?
हार्ट अटैक से 2 दिन पहले शरीर देता है ये संकेत (Heart Attack Symptoms before 2 Days)
दिल का दौरा तब पड़ता है, जब हृदय को ब्लड और ऑक्सीजन भेजने वाली धमनियों में अवरुद्ध उत्पन्न होने लगती है। समय के साथ धमनियों में फैटयुक्त, कोलेस्ट्रॉल युक्त जमाव जमा हो जाता है, जिससे हृदय की धमनियों में प्लाक बन जाता है। ऐसे में प्लाक फट जाता है, जिसकी वजह से खून का थक्का जमने लगता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। हार्ट अटैक से होने वाले मृत्युदर को रोकने के लिए आप इसके लक्षणों पर ध्यान दें। हार्ट अटैक से कुछ दिनों पहले ही शरीर हमारा कई तरह के संकेत देने सगता है। आइए जानते हैं हार्ट अटैक से 2 दिन पहले दिखने वाले लक्षण कौन से हैं?
सीने में दर्द जो दबाव, जकड़न, निचोड़ने या दर्द जैसा महसूस हो सकता है\
दर्द या बेचैनी जो कंधे, बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांत या कभी-कभी ऊपरी पेट तक फैल जाती है।
ठंडा पसीना आना
शरीर में बिना काम के भी थकान महसूस होना
सीने में जलन
अपच की परेशानी महसूस होना
चक्कर आना
जी मिचलाने जैसा अनुभव होना
सांस लेने में कठिनाई, इत्यादि।
हार्ट अटैक आने से पहले लक्षण दिखने पर क्या करें? ( How to prevent Heart attacks)
हार्ट अटैक के संकेत दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों को अच्छे से फॉलो करें।
खाने में हेल्दी चीजों को शामिल करें।
ब्लड क्लॉट को कम करने वाली चीजें खाएं।
हल्के-फुल्के एक्सरसाइज को रुटीन में शामिल करें।
डॉक्टर के अनुसार अपने डाइट को बदलें, इत्यादि।