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रायपुर: बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज ने बुधवार को एक्सक्लूसिव बातचीत की है। उन्होंने कहा कि हाईटेक टेक्नोलॉजी, संचार, बेहतर रणनीति और आक्रामक अभियानों में तेजी के कारण सुरक्षा बलों को कांकेर में बड़ी सफलताएं मिली हैं। आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि सुरक्षा बलों के लगातार हमलों ने माओवादियों का आत्मविश्वास हिला दिया। उन्हें कैडर भर्ती करने में मुश्किल हो रही है।
युवा उनके साथ नहीं जुड़ेंगे
आईजी ने कहा कि युवा उनके साथ नहीं जुड़ेंगे। हाल ही में हुई मुठभेड़ों में वरिष्ठ और निचले स्तर के कैडर खोने के बाद माओवादियों के लिए नए कैडर भर्ती करना एक चुनौतीपूर्ण काम होने जा रहा है। लगातार लंबे समय तक विभिन्न मोर्चों पर सामूहिक प्रयासों का असर है कि माओवादियों को बड़ा झटका मिला है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ साल नक्सल विरोधी मोर्चे पर निर्णायक होने जा रहे हैं। अभियान तेज किए जाएंगे।
चार महीनों में 78 माओवादी मारे गए
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के लगातार दबाव के कारण माओवादियों का मनोबल गिर रहा है, जिसके कारण पिछले चार महीनों में 78 माओवादियों का सफाया हो चुका है। आईजी ने कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और हम माओवादियों के इरादों को कम नहीं आंक सकते, क्योंकि वे केवल आतंक और आईईडी के जरिए ही लड़ते हैं।
बेहतर रणनीति से कांकेर में मिली सफलता
हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि आईईडी एक अपराजेय और मुश्किल हथियार है। नक्सली हमेशा दहशत फैलाने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि कांकेर ऑपरेशन की सफलता बेस कैंप की स्थापना, क्षेत्रों में विकास और बेहतर रणनीति है। डीआरजी और बस्तर फाइटर्स जैसे विशेष स्ट्राइक बलों ने न केवल स्थानीय युवाओं को अवसर दिया है और उनकी ऊर्जा को सकारात्मकता की ओर मोड़ा है, बल्कि जवानों में लड़ने की क्षमताओं को भी मजबूती दी है।
नक्सली समझ नहीं पाए
कांकेर ऑपरेशन में जवानों ने ऐसी सामरिक चाल चली, जिसे माओवादी देख नहीं पाए। उन्होंने कहा कि अन्यथा, वे या तो भाग जाते या जवाबी हमला करते। जिस क्षेत्र में मुठभेड़ हुई, उसे माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता था। उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि जवान उनके गढ़ में घुस आएंगे।
तकनीक का हुआ फायदा
आईजी ने कहा कि टेक्नोलॉजी का भी साथ मिला, अब दुर्गम क्षेत्रों में जवान एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। पहले एक-दूसरे से संपर्क करना बहुत मुश्किल होता था।
जवानों का जोश है हाई
इसके साथ ही आईजी सुंदरराज ने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और वे आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें जंगल वारफेयर कॉलेजों और कांकेर और राज्य के बाहर अन्य संस्थानों में नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, उन्हें तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे उग्रवाद प्रभावित राज्यों के अन्य बलों के साथ अनुभवों और चुनौतियों के बारे में बातचीत करने का भी मौका मिलता है, जिससे उनका उत्साह बढ़ता है।
जवाबी हमला कर सकते हैं माओवादी
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को पता है कि माओवादी इतनी बुरी तरह से पराजित होने के बाद जवाबी हमला करने की कोशिश करेंगे। आईजी सुंदरराज ने कहा कि वे सबसे पहले निर्दोष ग्रामीणों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे आसान लक्ष्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं, जिन्हें हम हमेशा बचाने की कोशिश करते हैं। उनकी प्रतिक्रिया कई मोर्चों पर आ सकती है। वे आईईडी ब्लास्ट कर सकते हैं। वे अपने कैडर के गिरते मनोबल को बढ़ाने के लिए जनता की सहानुभूति पाने की कोशिश करेंगे।
बस्तर में नक्सलियों को बड़ा नुकसान
बुधवार को उन्होंने कहा कि कांकेर मुठभेड़ ने उत्तर बस्तर संभाग के माओवादियों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यह इकाई अवैध लेवी संग्रह और रसद नेटवर्क के लिए जिम्मेदार है। उन्हें बहुत नुकसान हुआ है।