@khabarwala.newsलोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान एक सीट बस्तर पर 19 अप्रैल को होगा। भाजपा ने सभी 11 और कांग्रेस ने 7 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
हालांकि छत्तीसगढ़ की 6 सीटें ऐसी हैं, जहां राज्य गठन के बाद कांग्रेस कभी नहीं जीती। इनमें बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कांकेर, रायगढ़, रायपुर और सरगुजा लोकसभा सीट शामिल है। ये सीटें पिछले 23 साल से भाजपा की गढ़ बनी हुई हैं। प्रदेश में सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस इसमें सेंध नहीं लगा सकी।
पहले जानिए कब और किन-किन तारीखों में डाले जाएंगे वोट
छत्तीसगढ़ में 3 चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में एक सीट, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 3 और तीसरे चरण में 7 मई को 7 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण की अधिसूचना जारी हो चुकी है। दूसरे चरण की 28 मार्च और तीसरे चरण की 12 अप्रैल को जारी होगी।
अब उन 6 सीटों की बात, जो हैं भाजपा का गढ़
बिलासपुर : राज्य गठन के बाद बिलासपुर लोकसभा सीट पर 2004 से 2019 तक बीजेपी का कब्जा रहा है। 2004 में बीजेपी से पुन्नलाल मोहले और कांग्रेस से बसंत पहरे चुनाव लड़े थे। पुन्नू लाल मोहले को 324729 वोट मिले जबकि बसंत पहरे 81553 वोटों से हार गए थे।
2009 में बीजेपी से दिलीप सिंह जूदेव और कांग्रेस से डॉ. रेणु जोगी ने चुनाव लड़ा था। इसमें दिलीप सिंह जूदेव को 347930 वोट मिले थे। डॉ. रेणु जोगी से उनकी जीत का मार्जिन 20139 था। 2014 में बीजेपी से लखनलाल साहू और कांग्रेस से करुणा शुक्ला खड़ी हुईं थीं।
लखनलाल साहू को 561387 वोट मिले थे। करुणा शुक्ला से उनकी जीत का मार्जिन 124359 था। इसी तरह 2019 में अरुण साव ने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव 141763 वोटों से हराया था। अरुण साव को 634559 वोट मिले थे।
जांजगीर-चांपा : राज्य गठन के बाद जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर 2004 से 2019 तक बीजेपी नेताओं का कब्जा रहा है। 2004 में इस लोकसभा सीट में बीजेपी से करुणा शुक्ला और कांग्रेस से चरणदास महंत मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी करुणा शुक्ला को 303,655 वोट मिले थे। चरणदास महंत से उनकी उनकी जीत का मार्जिन 11329 था।
2009 में बीजेपी से कमला देवी पटले और कांग्रेस से डॉ. शिवकुमार डहरिया ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कमला देवी पटले ने डॉ. शिव कुमार डहरिया पर 87211 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्हें 302142 वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी से कमला पटले और कांग्रेस से प्रेमचंद जायसी मैदान में थे।
कांकेर : कांकेर लोकसभा सीट पर 2004 से 2019 तक बीजेपी का कब्जा रहा। 2004 में इस सीट पर बीजेपी से सोहन पोटई और कांग्रेस से गंगा पोटई ठाकुर मैदान में उतरे थे। गंगाा पोटई को 73626 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। सोहन पोटई को 274294 वोट मिले थे।
2009 में बीजेपी ने फिर सोहन पोटई और कांग्रेस ने फूलो देवी नेताम को उतारा। इस बार भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। सोहन पोटई को 341131 वोट मिले थे। फूलो देवी नेताम से उनकी जीत का मार्जिन 19288 था। 2014 में बीजेपी ने विक्रम देव उसेंडी पर दांव चला, जबकि कांग्रेस ने फिर फूलो देवी नेताम को मौका दिया।
इस बार भी फूलोदेवी नेताम की हार हुई। उन्हें विक्रम देव उसेंडी ने 35158 वोटों से फूलोदेवी को शिकस्त दी। चुनाव में विक्रम को 465215 वोट मिले थे। 2019 में बीजेपी से मोहन मंडावी और कांग्रेस से बीरेश ठाकुर मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में मोहन मंडावी को 546233 वोट मिले थे। बीरेश ठाकुर से उनकी जीत का अंतर 6914 था।
रायगढ़ : 2004 से 2019 तक बीजेपी के नेताओं का कब्जा रहा है। 2004 में इस लोकसभा सीट में बीजेपी से विष्णुदेव साय और कांग्रेस से रामपुकार सिंह मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विष्णुदेव साय को 329057 वोट मिले थे। रामपुकार सिंह से उनकी उनकी जीत का अंतर 74243 था।
2009 में बीजेपी से विष्णुदेव साय और कांग्रेस से हृदयराम राठिया ने चुनाव लड़ा था। इस बार विष्णुदेव साय को 443948 वोट मिले। हृदयराम राठिया से उनकी जीत का अंतर 55848 था। 2014 में रायगढ़ लोकसभा सीट में बीजेपी से विष्णुदेव साय और कांग्रेस से आरती सिंह मैदान में थे।
इस चुनाव में विष्णुदेव साय को 662478 वोट मिले थे। आरती सिंह से उनकी जीत का अंतर 216750 था। इसी तरह 2019 में बीजेपी से गोमती साय और कांग्रेस से लालजीत सिंह राठिया मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में गोमती को 546233 वोट मिले थे। लालजीत राठिया को 66027 वोटों से हार मिली।
रायपुर: रायपुर लोकसभा सीट पर 2004 से 2019 तक बीजेपी के नेताओं का कब्जा रहा है। 2004 में इस लोकसभा सीट में बीजेपी से रमेश बैस और कांग्रेस से श्यामाचरण शुक्ला मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में बीजेपी रमेश बैस को 376029 वोट मिले थे। श्यामाचरण शुक्ला से उनकी उनकी जीत का मार्जिन 129519 था।
2009 में बीजेपी से रमेश बैस और कांग्रेस से भूपेश बघेल ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में रमेश बैस को 371201 वोट मिले थे। भूपेश बघेल से उनकी जीत का अंतर 57901 था। 2014 में रायपुर लोकसभा सीट में बीजेपी से रमेश बैस और कांग्रेस से सत्यनारायण शर्मा मैदान में थे।इस चुनाव में रमेश बैस को 654922 वोट मिले थे। सत्यनारायण शर्मा से उनकी जीत का अंतर 171646 था। इसी तरह 2019 में बीजेपी से सुनील कुमार सोनी और कांग्रेस से प्रमोद दुबे मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में सुनील कुमार सोनी को 837902 वोट मिले थे। प्रमोद दुबे से उनकी जीत का अंतर 348238 था।
सरगुजा : 2004 में इस लोकसभा सीट में बीजेपी से नंद कुमार साय और कांग्रेस से खेलसाय सिंह मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी नंद कुमार साय को 357108 वोट मिले थे। खेलसाय सिंह से उनकी उनकी जीत का अंतर 103452 था।
2009 में बीजेपी से मुरारीलाल सिंह और कांग्रेस से भानूप्रताप सिंह ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मुरारीलाल सिंह को 416532 वोट मिले थे। भानु प्रताप सिंह से उनकी जीत का अंतर 159548 था। 2014 में सरगुजा लोकसभा सीट में बीजेपी से कमलभान सिंह मरावी और कांग्रेस से रामदेव राम मैदान में थे।
इस चुनाव में कमलभान सिंह मरावी को 585336 वोट मिले थे। रामदेव राम से उनकी जीत का अंतर 147236 था। इसी तरह 2019 में बीजेपी से रेणुका सिंह और कांग्रेस से खेलसाय सिंह मैदान में उतरे थे। इस चुनाव में रेणुका सिंह को 663711 वोट मिले थे। खेलसाय सिंह से उनकी जीत का अंतर 157873 था।