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इंदौर। हिंदू धर्म में होली का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। दो दिनों तक मनाया जाने वाला यह त्योहार रंगों के साथ खेला जाता है। इस बार पहले दिन छोटी होली पर भद्रा का साया रहेगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, होली का त्योहार हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 9.54 बजे होगी और यह तिथि 25 मार्च को दोपहर 12.29 बजे खत्म होगी। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को करना भी शुभ होगा। इसके बाद 25 मार्च को धुलेंडी मनाई जाएगी।
होली में निर्मित होंगे दो शुभ योग
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस साल होली पर दो शुभ योग बनने वाले हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, वृद्धि योग रात 9.30 बजे तक है, वहीं ध्रुव योग 24 मार्च को पूरे दिन है। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त रात 11.13 बजे से रात 12.07 बजे तक का रहेगा। होलिका दहन पर भद्रा का साया सुबह 09.54 बजे से रात 11.13 बजे तक रहेगा।
भद्रा काल में होलिका क्यों शुभ नहीं
भद्रा काल में होलिका दहन शुभ नहीं माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि खुद को भगवान मानने वाले हिरण्यकश्यप ने भगवान की भक्ति में लीन पुत्र प्रह्लाद को बहन होलिका के द्वारा जीवित जलाने की कोशिश की थी। भगवान ने भक्त पर कृपा बरसाते हुए प्रहलाद को बचा लिया था और खुद होलिका जलकर भस्म हो गई थी। तब से ही होली मनाने की परंपरा शुरू हुई थी।