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नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गर्मी को लेकर बड़ी बात कही है. आईएमडी ने शुक्रवार को कहा कि मार्च से मई के बीच इस बार देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने की संभावना है. इस टाइम पीरियड में अधिकतर समय तक अल नीनो की स्थिति बनी रहने की भी भविष्यवाणी की गई है. इससे लू की स्थिति बनी रह सकती है.
हालाकि, उत्तर-पश्चिम के कुछ क्षेत्रों और दिल्ली में रात के समय तापमान सामान्य से नीचे और दिन में अधिक बना रहेगा. मार्च के पहले 15 दिनों में रात को तापमान कम रहेगा. ऐसा नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के कारण होगा. ऐसे में मार्च के पहले 2 हफ्तों में काफी बारिश भी हो सकती है. मौसम विभाग का अनुमान है कि मार्च में बारिश लंबी अवधि के औसत 29.9 मिमी से 117% अधिक हो सकती है.
फरवरी में भी तापमान ने बनाया रिकॉर्ड
फरवरी में भारत में औसत न्यूनतम तापमान 14.61 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से इस महीने में दर्ज किया गया दूसरा सबसे अधिक तापमान है. महीने के दौरान आठ पश्चिमी विक्षोभ, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और उससे आगे से आने वाले चक्रवाती तूफानों ने पश्चिमी हिमालयी राज्यों के मौसम को प्रभावित किया. उनमें से छह सक्रिय थे और इनके कारण उत्तर और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि हुई.
क्या है अल नीनो
अल नीनो (El Nino) तब होता है जब भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है, जबकि ला नीना तब होता है जब चीजें इसके उलट होती हैं. दोनों साइकल पैटर्न हैं. भारत में अल नीनो शुष्क मॉनसून से जुड़ा है, जबकि ला नीना जुलाई-अक्टूबर की अवधि के दौरान अधिक वर्षा से जुड़ा है, जो भारत के भारी वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है. ला नीना असामान्य वसंत और ग्रीष्म ऋतु भी लाता है जिसमें अत्यधिक रिकॉर्ड-तोड़ गर्मी होती है.