भारत का समृद्ध इतिहास ही विकसित भारत का आधार- गोलोक बिहार राय

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रायपुर – राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच FANS,रायपुर चैप्टर एवं
रक्षा अध्ययन विभाग,
शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़
के संयुक्त तत्वावधान में *
*विकसित भारत@2047: भारत का समृद्ध इतिहास*
लेखन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता *”गोलोक बिहार राय” राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच*
*मुख्य अतिथि “धीरेन्द्र नशीने”, विभाग संघचालक रायपुर,* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
तथा
संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य
*”डॉ पी सी चौबे”*
ने किया।


संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती एवं मां भारती के तेलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं
दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
रक्षा अध्ययन विभाग के प्राध्यापक *”डॉ पी के कडवे”*
ने उपस्थित अतिथियों एवं वक्ताओं का स्वागत करते हुए परिचय कराया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए
*”मुख्य वक्ता गोलोक बिहार राय”*
ने बताया कि इस “अमृत काल” में बदलते हुए भारत को
विकसित बनाने के लिए हमें अपने गुलामी के प्रतीकों से मुक्त होना होगा।
सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक विकास के साथ ही भारत के समृद्ध इतिहास की पहचान एवं लेखन भी जरूरी है।
भारतीय इतिहास “वसुदेव कुटूबकम”
को महत्व देता है।
यही कारण है कि यूक्रेन-रुस युद्ध के समय भारत सरकार ने अपने भारतीय नागरिकों के साथ ही साथ पाकिस्तान के लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला।
सामरिक क्षेत्र में “तेजस और ब्रआम्हओस”
जैसे लड़ाकू विमानों की मांग दूनिया में बढ़ी है।
वहीं दूसरी ओर वैश्विक महामारी कोरोना काल में भारत ने दुनिया के सैकड़ों देशों को वैक्सीन सप्लाई किया।


यही कारण है कि *”स्वामी विवेकानंद जी”* ने कहा था कि
दुनिया में मानवता के लिए भारत ज़रुरी है। संगोष्ठी के
*”मुख्य अतिथि धीरेन्द्र नशीने”*
ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करती है।
वही व्यक्ति समाज और राष्ट्र निर्माण का कार्य करता है।
प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने समृद्ध इतिहास पर गर्व होना चाहिए।
सत्य, करुणा,सूचिता तथा तप इन चारों तत्वों से मिलकर
सम्पूर्ण जीवन का निर्माण होगा ।
जो विकसित भारत के लिए जरूरी है।

महाविद्यालय के *”प्राचार्य डॉ पी सी चौबे”*
ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि
विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो,
साथ ही विज्ञान के साथ भारत के समृद्ध इतिहास का भी ज्ञान हो।
आजादी की लड़ाई में जिन अनाम लोगों ने आहूति दी है
उन्हें इतिहास में सम्मान स्थान मिले।

फैंस रायपुर चैप्टर के *”अध्यक्ष तौकीर रज़ा”*
ने कहा कि भारत का पांच हजार साल से भी पुराना समृद्धशाली इतिहास है।
हड़प्पा सभ्यता और मोहनजोदड़ो के काल में विकसित शहर हुआ करतें थे।
नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय विश्व में शिक्षा प्रदान के विश्व में एकमात्र केंद थे।
भारत कृषि, कला , वास्तु कला, खनिज तत्व और आभूषणों आदि के छेत्र में संपन्न थे।
भारत आर्थिक रूप से इतना समृद्ध था जिससे भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
इसी आधार पर विकसित भारत के निर्माण में वर्तमान के वैज्ञानिकता के साथ ही प्राचीन इतिहास मे भी जरूरी है।
आज भारत विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति है जो 2047 में विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति की ओर अग्रसर है।

अंत में
रक्षा अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष
*”डॉ गिरीशकांत पांडेय”*
ने कहा कि इतिहास लेखन में भेद-भाव हुआ है।
विदेशी यात्रियों द्वारा आधा अधुरा भारतीय इतिहास लिखा गया है।
गैर इतिहासकारों द्वारा इतिहास लिखने के कारण भारतीयो के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है।
हमें अपने समृद्ध इतिहास पर गर्व होना चाहिए।
फैंस रायपुर चैप्टर के महामंत्री डॉ भूपेंद्र कुमार साहू ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।


राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ। सभी अतिथियों को रक्षा अध्ययन विभाग द्वारा शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं तुलसी का पौधा भेंट किया गया। इस अवसर पर डॉ एन पी यादव, रितेंद्र नायक,तोरण सिंह ठाकुर, कैलाश शर्मा तथा बड़ी संख्या में प्राध्यापक,छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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