इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक के रूप में पुरस्कृत…

raipur@khabarwala.news

जांजगीर-चांपा, 14 फरवरी 2024: उद्यानिकी विभाग से मिली तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन ने बनाया उन्नतशील किसान

परम्परागत धान की खेती करने वाले कुंवर सिंह मधुकर ने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी उन्नतशील किसान की श्रेणी में एक दिन खड़े हो सकेंगे, लेकिन जब से वह उद्यानिकी विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़े उनके जीवन में बदलाव आना शुरू हो गया और वह भी दिन आया जब उनके कार्य की प्रशंसा पूरे प्रदेश में होने लगी। उनके कार्यों का फल उन्हें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित करते हुए किया। इसके साथ ही उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के माध्यम से लखपति कृषक बनने पर पुरस्कृत किया गया।

 

उद्यानिकी विभाग से मिली तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन ने बनाया उन्नतशील किसान

 

जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत बारगांव में रहने वाले कुंवर सिंह मधुकर है, जो खेती किसानी करके अपने एवं परिवार का पालन पोषण कर जीवन यापन कर रहे थे। एक दिन उनको उद्यानिकी विभाग की संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। विभागीय योजनाओं के विस्तार से जानकारी लेने के बाद उन्होंने उद्यानिकी के क्षेत्र में कार्य करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनकी मेहनत और विभागीय योजनाओं से मिले लाभ का नतीजा सामने आने लगा। उन्होंने ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर की खेती शुरू की। जिसका लाभ उन्हें धीरे-धीरे मिलने लगा। उनके द्वारा ग्राफ्टेड बैगन से अब तक 6 एकड़ में 15 लाख रू. का शुद्ध लाभ प्राप्त किया और तीन माह की और तोड़ाई होनी बाकी है जिसमें अनुमानित और 5 लाख का लाभ होगा। यहीं नहीं उन्होंने ग्राफ्टेड टमाटर की खेती लगभग 4 एकड़ में की जिससे 4.25 लाख का मुनाफा होने की बात वह कहते हैं। इसके अलावा खीरा से शेडनेट हाउस 1 एकड़ में 2 लाख मुनाफा हुआ है, इस प्रकार उद्यानिकी फसल से कृषक को आर्थिक लाभ हो रहा है। बाजार में उनके बैंगन और टमाटर की बहुत मांग है, धीरे-धीरे वे आसपास के किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिला उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक श्रीमती रंजना माखीजा ने बताया कि उद्यानिकी की एक तकनीक है जिसमें एक पौधे के रूट स्टॉक दूसरे पौधे के शॉट स्टीम से जोड़े जाते हैं जिससे दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं। इस प्रकार इस विधि से पौधे तैयार किये जाते हैं। इसके लिए शासन से किसान कंवर सिंह मधुकर को वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म सिंचाई योजना अंतर्गत 55 प्रतिशत अनुदान के रूप में 10 एकड़ में दिया गया। वहीं रा.कृ.वि.यो. वर्ष 2022-23 घटक ग्राफ्टेड बैगन 0.400 हे. में 30,000 रूपए शेड नेट हाउस बनाने के लिए 14.20 लाख दिया गया, जिसमें वह खीरा लगाए हुए थे, वर्तमान में टमाटर लगाएंगे। इसी तरह रा.कृ.वि.यो. वर्ष 2023-24 में मल्चिंग हेतु चयनित होने पर उन्हें 32 हजार रुपए की राशि प्राप्त होगी। उनके बैंगन, टमाटर की मांग राज्य में ही नहीं बल्कि ओडिशा प्रदेश में हो रही है। श्री मधुकर बताते हैं कि अनुदान मिलने से उन्होंने खेतों में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर लगाए है। इसके साथ ही उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन भी विभाग की ओर से दिया गया है। उन्होंने सरकार की इस योजना की प्रशंसा करते हुए तारीफ की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *