विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ग्राम कुरमातराई में हुआ वृहद आयोजन…

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 केन्द्रीय संयुक्त सचिव एवं जिले के नोडल अधिकारी श्री पंकज बोड़खे ने विकसित भारत बनाने दिलाई शपथ

 विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर ग्रामीणों को दी गई योजनाओं की जानकारी, किया गया लाभान्वित

धमतरी, 19 जनवरी 2024: विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आज धमतरी विकासखंड के ग्राम कुरमातराई में विकसित भारत संकल्प शिविर का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में केन्द्रीय संयुक्त सचिव एवं जिले के नोडल अधिकारी श्री पंकज बोड़खे शामिल हुए। संयुक्त सचिव ने कार्यक्रम स्थल में उज्जवला, श्रम, उद्यानिकी, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, आधार पंजीयन एवं अपडेशन, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में सहभागिता निभाने की शपथ दिलाई। उन्होंने इस दौरान स्टॉल में विभागों द्वारा विभिन्न योजनाओं की दी जा रही जानकारी के बारे में पूछा और अधिकारियों से कहा कि शिविर में आने वाले हर जरूरतमंद और पात्र परिवार को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करे।

10 महिलाओं को मिला निःशुल्क गैस कनेक्शन, गर्भवती माताओं की गोदभराई एवं शिशुओं का कराया गया अन्न प्रासन्न –

कार्यक्रम में संयुक्त सचिव श्री पंकज बोडखे और कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी सहित अन्य अधिकारियों ने गांव की 3 गर्भवती माताओं की गोदभराई रस्म की और उन्हें पोषण किट प्रदान किया। वहीं 5 शिशुओं का अन्न प्रासन्न भी कराया। वहीं गांव की पटवारी मीना देवांगन को डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को शत-प्रतिशत पूर्ण करने पर अभिनंदन पत्र भी दिया। इस अवसर पर 3 किसानों को सांकेतिक तौर पर स्वाईल हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया गया। साथ ही 10 महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत् निःशुल्क गैस कनेक्शन भी दिया गया।

‘ धरती कहे पुकार के’ की प्रस्तुति के माध्यम से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान-

कार्यक्रम में हाईस्कूल की छात्राओं द्वारा ’धरती कहे पुकार के’ की प्रस्तुति देते हुए उपस्थित ग्रामीणजनों को बताया गया कि खेतों में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से प्रकृति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। खेतों की उर्वरा शक्ति लगातार क्षीण हो रही है और धरती बंजर होती जा रही है। उनके द्वारा धरती को बंजर होने से रोकने के लिए सभी प्राकृतिक खेती को अपनाने और अपने खेतों में जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करने का आव्हान इस अवसर पर किया गया। साथ ही मेरी कहानी मेरी जुबानी के जरिए विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों ने उपस्थित लोगों को योजनाओं से हुए लाभ के बारे में बताया, साथ ही उपस्थित लोगों को भी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

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