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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो ना उम्र देखती और ना ही जेंडर देखती। किसी भी उम्र के इंसान को कभी भी हो सकती है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज। इस बीमारी के लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव पूरी तरह जिम्मेदार है। जेनेटिक फेक्टर भी डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं। जिन लोगों का ब्लड शुगर हाई रहता है उनकी बॉडी में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। लम्बे समय तक ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई और बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है।
डायबिटीज के लक्षणों की बात करें तो बार-बार प्यास लगना,भूख ज्यादा लगना,वजन का कम होना,घाव का देरी से भरना और यूरीन का बार-बार डिस्चार्ज होना शामिल है। सर्दी में डायबिटीज मरीजों की परेशानी बढ़ने लगती है,क्योंकि इस मौसम में शुगर के लक्षण गंभीर हो जाते हैं। सर्दी में डायबिटीज मरीजों की इम्युनिटी कमजोर होती है और छोटी सी परेशानी भी पहाड़ बन जाती है।
सर्दी में डायबिटीज मरीजों के यूरिन में सबसे ज्यादा बदलाव आता है। इस मौसम में उन्हें फ्रिक्वेंटली यूरिन डिस्चार्ज होता है। ज्यादा यूरिन का डिस्चार्ज होने से बॉडी में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ने लगता है। यूरिन का बार-बार आना इस बात का साफ संकेत है कि आपकी ब्लड शुगर हाई है। आप भी सर्दी में रात भर सोते नहीं है और बार-बार यूरिन डिस्चार्ज के लिए जागना पड़ता है तो सबसे पहले आप अपनी ब्लड शुगर को नॉर्मल करें। सर्दी में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कुछ देसी चीजों का सेवन बेहद असरदार साबित होता है।
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आंवला एक ऐसा हर्ब है जो ब्लड शुगर को नॉर्मल करने में जादुई असर करता है। विटामिन सी से भरपूर आंवला एक ऐसा हर्ब है जो स्वाद में खट्टा होता है। विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव का मुकाबला करने, इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने में और ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त करने में बेहद असरदार है। आइए जानते हैं कि आंवला कैसे शुगर कंट्रोल करता है और सेहत में सुधार करता है।
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कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि आंवला का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में जादुई असर करता है। खाली पेट आंवले का जूस पीने से ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल होता है और डायबिटीज के लक्षण कंट्रोल रहते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है और बार-बार यूरिन डिस्चार्ज करना पड़ता है वो ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना एक आंवला का सेवन करें।
आंवला सेहत पर कैसा करता है असर
आंवला में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करते हैं। इसका सेवन करने से गठिया के दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है। आंवला पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देकर पाचन को दुरुस्त करता है। खाली पेट आंवले के रस का नियमित सेवन करने से एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी पाचन से संबंधित परेशानियों को दूर किया जा सकता है। आंवला में डिटॉक्सिफाइंग गुण भी मौजूद होते हैं जो पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करते हैं। खाली पेट आंवले के जूस का सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन निकलते हैं। आंत की हेल्थ को दुरुस्त करने में आंवला बेहद असरदार है।