raipur@khabarwala.news
जिले के कोरबा वनमंडल के अंतर्गत आने वाला सतरेंगा पर्यटन केंद्र बांगो डुबान का पूरा इलाका है। पहले ही इसे संवारने के लिए राज्य सरकार ने पहल की है और अब सतरेंगा पर्यटन केंद्र ने छत्तीसगढ़ के मानचित्र में अलग स्थान बना लिया है। हर साल इस केंद्र में पिकनिक मनाने के लिए और हरे भरे वादियों के नजारे को कैद करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
कोरबा वन मंडलाधिकारी अरविंद पीएम के निर्देश पर एसडीओ आशीष खेलवार और बालको वन परिक्षेत्र अधिकारी जयंत सरकार द्वारा सतरेंगा में नई पहल की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक ही छत के नीचे सारे जानवरों की जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी कि कोरबा वनमंडल में कौन-कौन से जानवर पाए जाते हैं और उनकी विशेषता क्या-क्या है। ताकि दूर दराज से आने वाले पर्यटकों को कोरबा के जंगल और जानवरों की बखूबी जानकारी मिल सके।
फिलहाल अभी बालको वन परिक्षेत्र अधिकारी जयंत सरकार द्वारा एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, स्वीकृति मिलने के बाद इस दिशा पर काम शुरू होगा। जंगल में है इन जानवरों की मौजूदगी कोरबा वनमंडल घने वनों से घिरा हुआ है, यहां के जंगल में ज्यादातर साल और सागौन के पेड़ हैं। जिसकी वजह से यह इलाका जानवरों को बहुत रास आता है और जानवरों के लिए बेहतर रहवास भी बना हुआ है।
यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में कोरबा ही ऐसा इलाका है, जहां किंग कोबरे की मौजूदगी है. साथ ही कोरबा के जंगल में उड़न मिलहरी, ऊदबिलाव विलुप्त प्रजाति की तितली, पैंगोलिन, तेंदुआ जैसे अन्य प्राणियों की मौजूदगी है। बस्तर में पाए जाने वाले हार्नबिल नामक पक्षी भी लेमरू और बालको रेंज में पाए जाते हैं। साथ ही अन्य प्रकार के वन्य प्राणियों की भी यहां मौजूदगी है। इन सभी वश्य प्राणियों के बारे में विभाग एक ही छत के नीचे लोगों को सारी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी, ताकि पर्यटकों की संख्या और बढ़ सके।
ये सुविधाएं है उपलब्ध
पर्यटन प्रेमियों के लिए बोटिंग, लक्जरी रिसोर्ट, फ्लोटिंग रेस्टारेंट, वाटर स्पोर्ट्स, एडवेंचर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग एवं अन्य आकर्षण, घुड़सवारी, नौकाविहार की सुविधा है। दूसरी तरफ आपको महादेव पर्वत का जानदार नजारा सेल्फी लेने को मजबूर कर देगा। एक गार्डन में सेल्फी जोन बनाया गया हैं। यहां जाने का सबसे उत्तम समय जुलाई से जनवरी-फरवरी माह होता है। वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद शरद ऋ तु में प्रकृति का सौंदर्य अपने पूर्ण यौवन में रहता है।
ऐसे बुक कराएं रिसार्ट
कोरबा वन मंडल के अंतर्गत सतरेंगा पर्यटन स्थल आता है। पहले यह वन विभाग के अधीन था पर अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने बाद पिछले तीन साल से पर्यटन विभाग को संचालन के लिए सौंप दिया गया है। पर्यटन विभाग के वेबसाइट में जाकर रिसोर्ट व मोटरबोट की बुकिंग करा सकते हैं। वन विभाग की गेस्ट हाउस के लिए कोरबा वन मंडलाधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा।
निकटवर्ती पर्यटन स्थल
बुका जलविहार- यहां से 70 किमी की दूरी बुका जलाशय स्थित हैं। जिसे बरसात के समय देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
रानी झरना- तीन पहाड़ों के बीच में स्थित रानी झरना में आप लगभग तीन चार किलोमीटर की ट्रैकिंग के बाद इस खूबसूरत जलप्रपात में पहुंच सकते हैं। जिसकी दूरी से मात्र 17 किमी हैं।
देवपहरी जलप्रपात- पर्यटकों के लिए महशूर यह जलप्रपात सतरेंगा से 25 किलोमीटर की दूरी में स्थित है। 0 बांगो डैम- सतरेंगा पिकनिक स्पाट इसी डैम के दूसरी छोर में स्थित हैं।
केंदई वाटर फाल- बहुत ही खूबसूरत जलप्रपात यहां से 75 किलोमीटर दूर है। 0 कोसगई दाई मंदिर- कोसगई माता मंदिर पहाड़ में स्थित हैं। जहां एक अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है। सतरेंगा से इसकी दूरी 32 किलोमीटर है।