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रायपुर, 28 अगस्त 2023: आबकारी आयुक्त श्री जनक प्रसाद पाठक ने आगामी विधानसभा निर्वाचन-2023 के मद्देनजर विशेष अभियान चलाकर विभागीय उड़नदस्तों और जिला अधिकारियों को अवैध मदिरा के धारण, परिवहन एवं विक्रय पर कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आबकारी विभाग के 31 चेकपोस्टों पर अवैध मदिरा परिवहन की सघन निगरानी रखने को कहा गया है।
गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद आबकारी विभाग में तेजी से कार्यवाही का सिलसिला शुरू हो गया है। आबकारी आयुक्त के मार्गदर्शन में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के जांच चौकियों में सघन तलाशी अभियान और जांच की कार्यवाही की जा रही है। पिछले दो दिन 26 और 27 अगस्त को सघन कार्यवाही अभियान चलाकर अवैध रूप से मदिरा परिवहन व विक्रय करने वाले 191 व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इन प्रकरणों में 15 लाख 59 हजार 300 रूपए बाजार मूल्य की कुल 2340 लीटर मदिरा जब्त की गई। इस प्रकार 37230 किग्रा महुआ लाहन जब्त किया गया है, जिसका बाजार मूल्य 5 लाख 09 हजार 132 रूपए है। अभियान के दौरान 08 दोपहिया वाहन जब्त किया गया है, जिसका बाजार मूल्य रूपये 3 लाख 80 हजार रूपए है। अभियान के दौरान अन्य प्रांत की 83 लीटर मदिरा भी जब्त की गई हैं।
आबकारी विभाग के आयुक्त श्री पाठक ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती जिलों में स्थापित आबकारी विभाग के 31 चेकपोस्टों में अन्य राज्यों से अवैध शराब न आए इसलिए वाहनों की नियमित जांच-पड़़ताल की जा रही है। उक्त दो दिनों में आबकारी विभाग के चेकपोस्टों में जांच दौरान 90 लीटर मदिरा जब्त किया गया है। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर रोड चेकिंग की कार्यवाही की जा रही है। आबकारी अमले द्वारा रेल्वे पुलिस तथा राज्य पुलिस के साथ मिलकर विभिन्न रेल्वे स्टेशनों, ट्रेनों, बस अड्डो, बसों पर भी जांच जारी है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि आगामी विधानसभा निर्वाचन-2023 के दृष्टिगत आबकारी विभाग द्वारा समस्त आसवनी, बाटलिंग यूनिट, ब्रुअरी तथा समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों में सतत जांच कर निगरानी रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त मदिरा के अवैध संग्रहण. परिवहन के संभावित स्थलों का चिन्हांकन कर सतत निगरानी रखी जा रही है। विभाग द्वारा टोल फ्री नम्बर 14405 का संचालन किया जा रहा है, जिस पर अवैध मदिरा से संबंधित/मदिरा दुकानों से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है।