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रायपुर, 24 जुलाई 2023: आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करना विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान दे। शासन की योजनाओं का लाभ इन वर्गों को मिले यह सुनिश्चित करें। आश्रम-छात्रावासों में कमियों को दुरुस्त कर ले। मंत्री श्री मरकाम आज आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नवा रायपुर, अटल नगर के सभा कक्ष में रायपुर एवं दुर्ग संभाग में विभाग द्वारा संचालित योजना के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री मरकाम ने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रगति की जानकारी ली और संभाग के अधिकारियों को विभाग के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम और छात्रावास निर्माण और मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि स्वीकृत की गई है। बरसात के मौसम में रंगाई-पोताई कार्य को छोड़कर अन्य कार्यों को 10 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाए। छात्रावास एवं आश्रम संचालन के दिशा-निर्देशों का पालन और समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी करें। आश्रम-छात्रावासों में साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों को ताजा भोजन, मानसून में बच्चों को पानी उबालकर पीने के लिए दिया जाए। बीमार होने पर बच्चों का तत्काल इलाज कराएं। छात्रावास-आश्रम संचालन के संबंध में अधीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें सभी जरूरी हिदायतें दे तथा आश्रम-छात्रावास अधीक्षक मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी आश्रम-छात्रावासों में मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। आकस्मिक निरीक्षण के समय कमी पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री श्री मरकाम ने वन अधिकार पत्र के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी वन अधिकार पत्रधारियों को वन अधिकार ऋण पुस्तिका वितरित की जाए, जिससे वे शासन की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि जिनको वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है, उन्हें अन्य विभागों की योजना से अभिसरण कर लाभान्वित किया जाए। जिन गांवों में अन्य विभागों से कार्य कर लाभान्वित करने की योजना तैयार कर ली गई हो, उन गांवों को आदर्श गांव घोषित करने की कार्रवाई की जाए। बैठक में बताया गया कि रायपुर संभाग में 53 हजार 554 और दुर्ग संभाग में 32 हजार 855 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं। रायपुर संभाग में 3 हजार 109 और दुर्ग संभाग में 3 हजार 726 सामुदायिक वन अधिकार का वितरण हो चुका है। इसी प्रकार रायपुर संभाग में 369 और दुर्ग संभाग में 138 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण किया जा चुका है। विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के वन अधिकारों की प्रगति की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि रायपुर संभाग में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र 3 हजार 803, सामुदायिक वन अधिकार 477 और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र 45 वितरित किए जा चुके हैं। दुर्ग संभाग में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र 2 हजार 718, सामुदायिक वन अधिकार 240 और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र 19 वितरित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है।