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सारंगढ़-बिलाईगढ़, 21 जुलाई 2023: कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के नेतृत्व में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग और डब्ल्यूएचओ के सौजन्य से ‘‘इन्द्रधनुष 5.0’’ विषय पर बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर डॉ. सिद्दीकी ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए प्लानिंग और मॉनिटरिंग की जरूरत होती है। इसलिए सभी वर्कर इस कार्य में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करें।
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. प्रशांत ने बैठक में प्रजेंटेशन दिया। इस इन्द्रधनुष मिशन के सर्वे अनुसार 11 जिला हाईरिस्क की श्रेणी में है, उनमें सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला भी शामिल है। इस मिशन को पूरा करने के लिए जिले के गांवों और नगरीय निकायों में पिछड़े और स्लम एरिया को केन्द्रित कर टीकाकरण किया जाना है। विशेष मिशन इंद्रधनुष 5.0 के अंतर्गत शून्य से दो वर्ष की आयु के बच्चे जिनका टीकाकरण अधूरा है या हुआ ही नहीं है उनको सारे टीके लगाए जाएंगे। दो से पांच वर्ष की आयु के बच्चे जिनका गोवर और रूबेला का पहला व दूसरा डोस रह गया है, उन्हें टीके लगाए जाएंगे। अगर डीपीटी व ओरल पोलियो टीके का बूस्टर डोस रह गया है तो वह भी लगाया जाएगा। अगस्त 2018 या उसके बाद पैदा हुए बच्चों का इसमें समावेश होगा। गर्भवती महिलाओं का इसमें टीकरण किया जाएगा। विशेष मिशन इंद्रधनुष 5.0 का पहला राउंड – 7 से 12 अगस्त 2023, दूसरा राउंड – 11 से 16 सितंबर 2023 और तीसरा राउंड- 9 से 14 अक्टूबर 2023 तक होगा। बैठक में सीएमएचओ डॉ. एफ.आर. निराला, जिले के सभी बीएमओ, नोडल अधिकारी पंचायत हरिशंकर चौहान, डीईओ डेजी रानी जांगड़े, डिप्टी कलेक्टर टी.आर. महेश्वरी, बी. एक्का, सीएमओ राजेश पांडेय, आयुर्वेद डॉ. पटेल, महिला एवं बाल विकास विभाग के कृष्णा साहू उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि आज के बच्चे कल का भविष्य है। इसीलिए बच्चो को निरोगी और स्वस्थ रखने के लिए टीकाकरण उनका करवाना बहुत ज़रूरी है। इस मिशन में जीरो डोस, छूटे डोस, टीकाकरण से पूरी तरह वंचित रहने वाले क्षेत्र, ज्यादा समय तक टीकाकरण के सत्र ना लिए हुए क्षेत्र, टीकाकरण को सहयोग ना देने वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाने वाला है। टीकाकरण, बच्चों में मौत और बीमारियों की मात्रा कम करने के लिए एक प्रभावी साधन है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2023 तक गोवर और रूबेला को दूर करने का लक्ष्य निश्चित किया है और सरकार ने विशेष मिशन ‘‘इंद्रधनुष 5.0’’ शुरू किया है। यह मिशन अगस्त से तीन चरणों में चलाया जाएगा। इस विशेष मिशन के लिए टीकाकरण से पूरी तरह या आधे-अधूरे रूप से वंचित बच्चे और गर्भवती माताओं को ढूंढकर उन्हें टीका लगाने का काम किया जाएगा। इसमें नगरीय निकाय, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से इस मिशन को पूरा किया जाएगा।