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घनश्याम यादव @खबरवाला न्यूज गरियाबंद -रायपुर —
जिले की शासकीय शिक्षण संस्थानों को तंबाकू-मुक्त क्षेत्र बनाने के क्रम में विकासखंड धरसीवां और अभनपुर के कुल 107 शासकीय शिक्षण संस्थानों को तंबाकू-मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया । और इसके लिए मंगलवार को उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान-समारोह में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल,जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री मनीष कुमार मेजरवार, जिला समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन एसएस पटले, द यूनियन के विलेस कुमार, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से काउंसलर अजय कुमार बैस, सामाजिक कार्यकर्ता नेहा सोनी, और सेकेट्रियल असिस्टेंट कोमल साहू मौजूद रहे।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. सृष्टि यदु ने बताया, ‘’जिले में नियमित रूप से प्राचार्य एवं शिक्षकों के लिए शासकीय शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त किए जाने का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में स्कूली बच्चों को नशा से मुक्त रखने की जानकारियां प्रदान की गई। कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य स्कूल के 100 गज की दूरी में किसी भी तंबाकू उत्पाद की बिक्री या सेवन पर पूर्णतः नियंत्रण लगाना था। कार्यशाला में तंबाकू-मुक्त शैक्षिक संस्थान (टोबैको-फ्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट जिसे संक्षेप में “टॉफी” कहा जाता है) के लिए जारी किये गए दिशा-निर्देशों को विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही स्व-मूल्यांकन स्कोरकार्ड के बारे में भी बताया गया था। केंद्रीय निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को 2023 तक तंबाकू मुक्त बनाने के तहत कार्य शुरू कर दिया गया है।”
‘’राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए 11 बिंदुओं पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया था । जिसके अंतर्गत सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियम) अधिनियम – जिसे कोटपा एक्ट, 2003 के नाम से भी जाना जाता है – की धारा 4 एवं 6 का अनुपालन महत्वपूर्ण होगा। उक्त कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से समन्वय की रणनीति तैयार की है। शैक्षणिक संस्थानों के तंबाकू मुक्ति की दिशा में क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग भी है ।”
‘’तंबाकू-मुक्त शिक्षण संस्थान “टॉफी” हेतु मापदंड- 11-सूत्रीय मापदंडों में शिक्षण संस्थान के सभी प्रमुख स्थानों पर तंबाकू-मुक्त क्षेत्र साइन बोर्ड प्रदर्शित होना, साइन बोर्ड में संस्था के नोडल का नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना, संस्थान के प्रवेश द्वार पर साइन बोर्ड का प्रदर्शन होना, तंबाकू-मुक्त शिक्षण संस्थान क्षेत्र के साइन बोर्ड में नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना,शिक्षण संस्थान के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई निशान (जैसे सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तंबाकू के पाउच या थूक का निशान) नहीं होना, संस्थान के भीतर तंबाकू के नुकसान पर आधारित जागरूकता सामग्री प्रदर्शित होना, छः माह में कम से कम एक बार तंबाकू-नियंत्रण गतिविधि का आयोजित होना, तंबाकू मॉनिटर्स का चयन कर उनका नाम, पदनाम और संपर्क नंबर साइन बोर्ड पर दर्शाना, संस्थान की आचार संहिता में तंबाकू निषेध के मापदंड का समावेश किया जाना, संस्थान का सीमांकन दीवार एवं बाहरी दीवार से 100 गज क्षेत्र का आकलन किया जाना तथा संस्थान के 100 गज के अंदर तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं होना आदि शामिल है।‘”