अवैध निर्माण के नियमितिकरण के मामलों के निराकरण में देरी पर सीएम बघेल ने जताई गहरी नाराजगी…

raipur@khabarwala.news

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अवैध निर्माण के नियमितिकरण के मामलों के निराकरण में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कलेक्टरों को इन मामलों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया है। लोगों को अवैध निर्माण के नियमितिकरण कराने का मौका दिया है। इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश देते हुए कहा है, कि वे स्वयं इन मामलों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने और कैंम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। नगर तथा ग्राम निवेश की ओर बताया गया है, अब तक रायपुर निवेश क्षेत्र में इसके लिए कुल 549 आवेदन आये हैं। इनमें से 396 आवासीय एवं 153 गैर आवासीय क्षेत्र के मामले हैं। नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति द्वारा अब तक 2 बैठकें हो चुकी हैं। इनमें से 35 आवेदनों में मांग पत्र जारी किये जा चुके है, जिसके अनुसार 10 मामलों में शास्ति राशि प्राप्त होने उपरांत कुल 27 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई है। कुल 549 प्रकरणों में अनुमानित शास्ति राशि 4 करोड़ 28 लाख 46 हजार 696 रुपए है। 17 जनवरी तक 27 लाख 46 हजार 522 रुपए की शास्ति सरकार को मिल चुकी थी। इस प्रक्रिया के तहत अनधिकृत विकास करने वाले व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ 14 जुलाई 2023 तक एक वर्ष के लिए नियमितिकरण के लिए आवेदन पत्र लिए जाने हैं। इस अवधि में 30 दिन की वृद्धि का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है।

नियमितिकरण का यह कानून क्या है

आवासीय एवं गैर आवासीय अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 14 जुलाई 2022 से छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण संशोधन अधिनियम प्रभावी किया है। इसमें 14 जुलाई तक अस्तित्व में आए आवासीय एवं गैर आवासीय तथा भूमि उपयोग का परिवर्तन कर किये गये, अनधिकृत निर्माण का नियमितिकरण किया जाना है। मामलों के निराकरण के लिए जिला नियमितिकरण प्राधिकारी का गठन किया गया है। जिसमें कलेक्टर रायपुर को अध्यक्ष एवं सदस्यों में जिला पुलिस अधीक्षक, संबंधित नगरीय निकाय, जिनके क्षेत्र का प्रकरण होगा या आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संबंधित विकास प्राधिकरण, जिनके क्षेत्र का होगा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के प्रभारी अधिकारी को सदस्य सचिव नियुक्ति किया गया है।

सरकार ने आवासीय नियमितिकरण के लिए यह मानदंड बनाये हैं

आवासीय प्रयोजन वाले अनधिकृत निर्माण में 120 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर निर्मित भवनों पर कोई जुर्माना अथवा शमन शुल्क नहीं लिया जायेगा। 120 वर्गमीटर से 240 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 125 रुपया प्रति वर्गमीटर, 240 से 360 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 200 रुपया प्रति वर्गमीटर तथा 350 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 300 रुपया प्रति वर्गमीटर की दर से जुर्माने की गणना की जायेगी।

व्यावसायिक भूखंडों पर जुर्माने की दूसरी दर होगी

 

व्यावसायिक तथा अन्य गैर आवासीय प्रयोजनों हेतु निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिये मापदंड 100 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क का 16 गुणा जुर्माना देना होगा। 100 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 200 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 21 गुणा जुर्माना देना होगा। 200 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 300 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 26 गुणा जुर्माना देना होगा। 300 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 400 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 31 गुणा जुर्माना होगा। 400 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 500 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 36 गुणा जुर्माना होगा। 500 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 600 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 41 गुणा जुर्माना और 600 वर्गमीटर से अधिक किन्तु 700 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 46 गुणा जुर्माना देना होगा। 700 वर्गमीटर से अधिक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु भवन अनुज्ञा शुल्क का 51 गुणा शास्ति देय होगी। निर्धारित प्रयोजन से भिन्न भूमि उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिये वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति देय होगी।

 

पार्किंग पर अनधिकृत निर्माण कर लिया है तो अलग से जुर्माना

 

नये नियमों के मुताबिक अगर अनधिकृत विकास, निर्धारित पार्किंग हेतु आरक्षित भूखंड स्थल पर किया गया हो तो नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जायेगी, जब आवेदक द्वारा पार्किंग की कमी हेतु निर्धारित अतिरिक्त शास्ति राशि का भुगतान कर दिया गया हो। अगर पार्किंग उपलब्ध नहीं है तो 25त्न तक पार्किंग के लिए जुर्माने की जगह 50 हजार रुपए, 25 त्न से 50त्न तक प्रत्येक कार स्थान के लिए एक लाख रुपए। 50त्न से 100त्न तक प्रत्येक कार के लिए 2 लाख रुपए का जुर्माना अदा करना होगा।

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