raipur@khabarwala.news
दुबई के शाही परिवार ने पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिहाज से शराब की बिक्री पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स और शराब का लाइसेंस लेने के लिए लगने वाली फीस दोनों को खत्म करने का ऐलान किया है.
नए साल पर यह घोषणा दुबई की दो सरकारी शराब कंपनियों (शराब विक्रेता कंपनियों) ने की है और यह सत्तारूढ़ अल मख्तूम परिवार के आदेश पर हुआ है. इसपर यूएई सरकार ने आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, और ना ही इससे जुड़े एक न्यूज एजेंसी के सवालों का जवाब दिया.
गौरतलब है कि दुबई ने हाल में रमजान के महीने में दिन में शराब बेचने और कोविड लॉकडाउन के दौरान शराब की होम-डिलिवरी भी शुरू कर दी थी. दुबई को शराब की बिक्री से अभी तक राजस्व का बड़ा हिस्सा मिला करता था जो इस नए फैसले से मिलना बंद हो जाएगा. पास के क़तर में हाल ही में हुए फीफा विश्व कप के दौरान, दुबई के कई बारों ने आने-जाने वाले फ़ुटबॉल फैंस को आकर्षित किया.
दुबई में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 21 साल
दुबई के बारों में एक पिंट बियर की कीमत 10 डॉलर यानी 827 रुपए है और अन्य ड्रिंक्स की कीमत तो और भी ज्यादा है. हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि हालिया शाही फैसले से शराब बेचने वाली कंपनियों की कीमतों में गिरावट आएगी या यह सिर्फ खुदरा विक्रेताओं को ही प्रभावित करेगा. दुबई कानून के तहत, शराब पीने के लिए गैर-मुस्लिमों की उम्र 21 या उससे अधिक होनी चाहिए.
शराब पीने के लिए लेना होता है प्लास्टिक कार्ड
शराब पीने वालों को दुबई पुलिस द्वारा जारी प्लास्टिक कार्ड अपने साथ रखना होता है, जो उन्हें बीयर, शराब और शराब खरीदने, परिवहन और पीने की अनुमति देता है. अगर बिना प्लास्टिक कार्ड के किसी के पास से शराब बरामद होती है तो उन्हें फाइन या गिरफ्तारी का भी सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, शेखों के बार, नाइटक्लब और लाउंज में इस कार्ड की जरूरत कम ही पड़ती है और यहां बिना कार्ड के भी शराब मिल जाते हैं.
अबू धाबी में 2020 में ही खत्म हुआ लाइसेंस सिस्टम
एक उदारवादी दुबई अन्य खाड़ी देशों की तुलना में बहुत अलग है. दुबई के कई ऐसे भी क्षेत्र हैं, जहां शराब पर प्रतिबंध है. खासतौर पर वो क्षेत्र जो अन्य मिडिल ईस्ट देशों की सीमा से लगते हैं. जैसे कि उत्तरी दुबई की सीमा से लगे शारजाह में शराब पर प्रतिबंध लगे हैं, जहां ईरान, कुवैत और सऊदी अरब में शराब पर बैन है. यह भी बता दें कि यूएई की राजधानी अबू धाबी में शराब लाइसेंस सिस्टम 2020 में ही खत्म कर दिया गया था.