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नई दिल्ली : उत्तराखंड से लेकर नेपाल तक 27-28 जनवरी की रात भूकंप की रात साबित हुई. ढाई घंटे के भीतर उत्तराखंड के उत्तरकाशी से नेपाल तक एक के बाद एक भूकंप के चार झटके महसूस किए गए. देर रात भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए.
एक के बाद एक आए इन झटकों को स्थानीय लोग किसी बड़े खतरे की आहट मान रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक भूकंप का पहला झटका नेपाल के बागलुंग जिले में महसूस किया गया. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक नेपाल के नेशनल अर्थक्वेक मॉनिटरिंग एंड रिसर्च सेंटर (एनईएमआरसी) ने जानकारी दी है कि बागलुंग जिले में एक घंटे के भीतर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए. भूकंप का पहला झटका नेपाली समय के मुताबिक देर रात 1.23 बजे महसूस किया गया.
बताया जाता है कि बागलुंग में महसूस किए गए भूकंप के पहले झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई. इसका केंद्र अधिकारी चौर के आसपास था. वहीं, बागलुंग जिले में ही स्थानीय समय के मुताबिक करीब 2.07 बजे खुंगा के आसपास भूकंप का दूसरा झटका महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई.
नेपाल के बागलुंग जिले के अधिकारी चौर इलाके में ही पहले झटके के करीब दो घंटे बाद भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया. नेपाल के समय के मुताबिक करीब 3 बजकर 28 मिनट पर महसूस किए गए बागलुंग जिले के इस तीसरे भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के झटके
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में देर रात करीब 2 बजकर 19 मिनट पर जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, धरती हिलने लगी. उत्तरकाशी में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई. भूकंप की इन घटनाओं में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
नेपाल के बागलुंग जिले और उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भूकंप के ये झटके ऐसे समय महसूस किए गए, जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे. आधी रात के बाद आए एक के बाद एक भूकंप से लोग दहशत में आ गए. हर कोई आंखें मलते हुए डर के मारे अपने घरों के बाहर भागे. कड़ाके की सर्दी के बीच रात में लोग काफी देर तक भूकंप के खौफ से अपने घरों के बाहर खुले मैदान में रहे.
लोगों की चिंता आधारहीन भी नहीं है. हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड राज्य और हिमालयी देश नेपाल, दोनों ही भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं. पिछले ही महीने आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने भविष्य में बड़े भूकंप की आशंका जताई थी. वैज्ञानिकों ने कहा था कि भारतीय और यूरेशियन प्लेट के बीच धरती के नीचे टकराव बढ़ रहा है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने बड़े भूकंप को लेकर कोई समयसीमा नहीं बताई थी. अब उत्तरकाशी से नेपाल तक कुछ घंटों के भीतर एक के बाद एक भूकंप के चार झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.
वैज्ञानिकों ने दी थी बड़े भूकंप की चेतावनी