सोंढूर, पैरी बाईं तट नहर प्रणाली सिकासार जलाशय और लघु सिंचाई जलाशयों से रबी के दलहन तिलहन के लिए दिया जाएगा पानी…

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धमतरी, 08 दिसम्बर 2022: इस बार रबी के दलहन, तिलहन फसल के लिए सोंढूर जलाशय सहित पैरी बांयी तट नहर प्रणाली सिकासार जलाशय और लघु सिंचाई जलाशयों से पानी दिया जाएगा। पिछले दिनों आयोजित जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में जहां रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल से रबी में पानी नहीं दिए जाने का निर्णय लिया गया, वहीं यह भी फैसला लिया गया कि रबी के दलहन, तिलहन फसल के लिए सोंढूर जलाशय, पैरी बांयी तट नहर प्रणाली सिकासार जलाशय और लघु सिंचाई जलाशयों से किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाए।

गौरतलब है कि इस बार रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल में केंद्रीय जल आयोग/बांध सुरक्षा विशेषज्ञ, नई दिल्ली के निर्देशानुसार बांध के गैलरी में सीपेज नियंत्रण कार्य और बांध के नीचे बकेट फ्लोर, टीथ ग्लासिस में एपॉक्सी ट्रीटमेंट कार्य, स्पील चैनल की खुदाई आदि से जुड़े काम कराए जाने हैं। गंगरेल जलाशय की सुरक्षा को ध्यान में रख ज़िला जल उपयोगिता समिति ने यह फैसला किया कि इस रबी में जलाशय से सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाए। लेकिन सोंढूर, पैरी बांयी तट नहर प्रणाली सिकासार जलाशय और लघु सिंचाई जलाशयों से रबी के दलहन तिलहन के लिए पानी दिए जाने का निर्णय लिया गया। यह बताना लाज़मी है कि सोंढूर जलाशय में कुल उपलब्ध उपयोगी जल भण्डारण क्षमता 6.34 टीएमसी के विरूद्ध उपयोगी जल 5.12 टीएमसी उपलब्ध है। इसमें निस्तारी और जलाशय में स्थानीय उपयोग एवं वाष्पण क्षरण के लिए दो टीएमसी जल आरक्षित रखने के बाद रबी में दलहन, तिलहन हेतु शेष 3.12 टीएमसी जल उपलब्ध है, जिससे सोंढूर प्रदायक नहर के सैंच्य क्षेत्र (नगरी, सिहावा) पांच हजार हेक्टेयर के लिए जल प्रदाय किया जा सकता है। पैरी बायीं तट नहर प्रणाली सिकासार जलाशय से मगरलोड ब्लॉक के दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और लघु सिंचाई जलाशयों से 300 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी के दलहन, तिलहन फसल के लिए पानी छोड़ा जाएगा।

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