raipur@khabarwala.news
एक भविष्यवाण के मुताबिक भारत के मुंबई और कोलकाता पूरी तरह से समुद्र में डूबने वाले हैं। ऐसा जलवायू परिवर्तन की वजह से होना बताया जा रहा है। क्योंकि इस समस्या से पूरी दुनिया परेशान है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से कहीं बारिश, कहीं बाढ़ तो कहीं सूख पड़ रहा है। लेकिन अब सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबरे ये है कि जलवायु परवर्तन की वजह से भारत के मुंबई और कोलकाता शहर भी 2050 तक पानी में डूब जाएंगे।
आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन की वजह से अभी तक दुनिया के पांच शहर समुद्र के पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। यहां पहले बड़ी आबादी रहती थी। ये शहर इस प्रकार हैं—
मिस्र का थोनिस ‘हेराक्लिओन’ शहर
यह शहर नील नदी के पश्चिमी मुहाने पर मैजूद है। यह कभी खुशहाल बंदरगाह हुआ करता था। यहां से 60 जहाज़ों और 700 से ज़्यादा जहाज़ ठहराने वाले लंगरों की खोज हुई है। पानी के अंदर डूबे इस शहर से अब तक कई कलाकृतियां बरामद हुई हैं।
इटली का ‘बाया’ शहर
बाया शहर कभी इटली का पर्यटन स्थल हुआ करता था। यह शहर अपने खुशनुमा मौसम, गर्म पानी के झरनों-तालाबों और इमारतों की वजह से मशहूर था। बदकिस्मती से जिस ज्वालामुखी की वजह से यहां मशहूर गर्म पानी के सोते बने उन्हीं की वजह से यह शहर पानी में डूब गया।
इंग्लैंड का ‘डर्वेंट’ गांव
ऐसी खबरे हैं कि डर्बीशायर के डर्वेंट गांव को लेडीबोवर जलाशय बनाने के लिए जानबूझकर डुबो दिया गया। बीसवीं सदी के मध्य में डर्बी, लीसेस्टर, नॉटिंघम और शेफ़ील्ड जैसे शहरों का फैलाव हुआ। यहां की बढ़ती आबादी को पानी की अधिक आपूर्ति की ज़रूरत थी। इस आपूर्ति को पूरा करने के लिए एक बांध और जलाशय बनाने की जरूरत थी। यहां दो जलाशय बनाए गए। इसके बाद तीसरा जलाशय के लिए काम शुरू हुआ। सन् 1935 में इसका काम शुरू हुआ और 1945 आते-आते डर्वेंट गांव पूरी तरह पानी में समा गया था।
जमैका का ‘पोर्ट रॉयल’
कहा जाता है कि 1692 में 10,000 लोग रहते थे। यहां लोग ईंट या लकड़ी से बने घरों में रहते थे। साल 1692 में यहां एक पोर्ट रॉयल भूकंप आया उसके कुछ ही समय बाद सूनामी आ गई। बताया जाता है कि इससे शहर का करीब दो तिहाई हिस्सा पानी में समा गया। उस दिन करीब 2 हज़ार लोगों की मौत हुई थी।
अर्जेंटीना का ‘विला एपेक्यूएन’ इलाका
विला एपेक्यूएन का झील किनारे मौजूद एक रिज़ॉर्ट करीब 25 साल तक पानी में दबे रहने के बाद साल 2009 में एक बार फिर से उभर कर सामने आया। सन् 1920 में बनाया गया लेक एपेक्यूएन नाम के इस रिज़ॉर्ट बनाया गया। साल 1980 के बाद से कई सालों तक भारी बारिश हुई और जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया।
विला एपेक्यूएन का झील किनारे मौजूद एक रिज़ॉर्ट करीब 25 साल तक पानी में दबे रहने के बाद साल 2009 में एक बार फिर से उभर कर सामने आया। सन् 1920 में बनाया गया लेक एपेक्यूएन नाम के इस रिज़ॉर्ट बनाया गया। साल 1980 के बाद से कई सालों तक भारी बारिश हुई और जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया। 1985 में एक तूफ़ान के बाद झील भर गई और पानी बाहर आने लगा जिसकी वजह से दीवार टूट गई और शहर डूब गया।