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रायपुर: छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। एसपी कोरबा और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू शासन को अवगत कराते हुए अचानक छुट्टी पर चले गए हैं।
छत्तीसगढ़ कैडर के कई आईएएस और आईपीएस अफसर अपने काले कारनामों से बचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार कई अधिकारी ईडी के संभावित छापों से बचने रणनीति बनाने में जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन अफसरों ने गिरफ्तार आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई की पत्नी को ईडी के खिलाफ ना केवल शिकायती पत्र ड्राफ्ट कराया वरन मुख्यमंत्री तक उन्हें सीधी बात कराने कराने का इंतजाम भी कराया।
कतिपय अफसरों ने प्रीति विश्नोई को गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलवाया और ईडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई। ईडी के खिलाफ प्रीति विश्नोई थाने में शिकायत दर्ज कराने के बजाए क्यों और कैसे मुख्यमंत्री बघेल तक पहुचाई गईं, यह शुक्रवार सुबह से ही चर्चा में है।
मुख्यमंत्री से गुरुवार को मिलकर आरोपित समीर विश्नोई की पत्नी प्रीति विश्नोई ने ईडी के अफसरों पर धमकाने और कोरे कागज पर साइन कराने का आरोप लगाया है। समीर विश्नोई की पत्नी प्रीति विश्नोई ने डीजीपी को पत्र लिखा है।
इधर छापों को लेकर सरकारी विभागों में अधिकारियों में घबराहट है। सूत्रों का दावा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कई अफसर ईडी की राह में रोड़ा अटकाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस सरकार के मात्र 4 साल के कार्यकाल में ऐसे अधिकांश अधिकारियों ने करोड़ों की कमाई की है और कई व्यवसायों में निवेश किया है। इनमें छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के कई अधिकारी शामिल हैं। अभी तक यह विभाग ऐसी कार्रवाइयों से अछूता रहा है।