अपूर्व उत्साह, आनंद और सृजनशीलता का पर्याय होते हैं लोक खेल 6 अक्टूबर से शुरू होगा ’छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक’…

raipur@khabarwala.news

रायपुर, 26 सितंबर 2022 : उत्साह, आनंद और सृजनशीलता का पर्याय होते हैं लोक खेल। स्थानीय सामाग्रियों की आसानी से उपलब्धता, खेल के स्थानीय तौर तरीके, रोचकता और मनोरंजन जैसे गुणों के कारण लोक खेल जन-जन में बेहद लोकप्रिय होते हैं। एक ऐसे समय जब बच्चों, किशोरों और युवाओं सहित नागरिकों की सारी दुनिया सिमटकर मोबाइल में समाते जा रही है और उनका बचपन का नैसर्गिक उत्साह, मुस्कान और सृजनशीलता का दायरा भी छोटा होता जा रहा है। ऐसे में उनकी दुनिया और खेल के मैदान को एक बार फिर से व्यापक बनाने की आवश्यकता सभी ओर महसूस की जा रही है। निश्चय ही लोक खेल इस दिशा में एक सार्थक कदम बन सकता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार जो लोककला, लोक संस्कृति और लोक खान-पान को लगातार बढ़ावा दे रही है, अब इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़कर लोक खेलों पर आधारित ’छत्तीसगढिया ओलम्पिक’ का आयोजन करने जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर बीते 6 सितम्बर को कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का खाका तैयार कर लिया गया है। छह स्तरों में होने वाले ’छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक’ के आयोजन का दायित्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय  प्रशासन एवं विकास विभाग को सौंपा गया है। इन खेलों की शुरूआत आगामी 6 अक्टूबर 2022 से शुरू होगी, जिसका समापन राज्य स्तर पर 6 जनवरी 2023 को होगा।

दो श्रेणी में 14 तरह के खेले होंगे

छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय एवं एकल श्रेणी में होगी। छत्तीसगढ़ ओलम्पिक 2022-23 में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसे खेल शामिल किए गए हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लम्बी कूद शामिल है।

गांव के क्लब से लेकर राज्य तक छह स्तरों पर होंगे आयोजन-

छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में छह स्तर निर्धारित किए गए हैं। इन स्तरों के अनुसार ही खेल प्रतियोगिता के चरण होंगे। इसमें गांव में सबसे पहला स्तर राजीव युवा मितान क्लब का होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। फिर विकासखंड/नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गो में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक फिर 18-40 वर्ष आयु सीमा तक, वहीं तीसरा वर्ग 40 वर्ष से अधिक उम्र के लिए है।

छत्तीसगढ़ के ये पारम्परिक खेल न केवल ऋतुओं पर आधारित होते है, बल्कि कई बार अपने साथ-साथ लोकसंगीत और लोकगायन को भी लिए होते हैं, जिसके कारण ये खेल अपार रोचकता के साथ तेज गति, तेज दृष्टि, संतुलन, स्फूर्ति को बढ़ाते हुए शारीरिक और मानसिक मनोरंजन देते हैं। ये खेल इतने अधिक रोचक होते हैं कि गांवों के बच्चे अपने सारे सुख-दुख, गम शिकवे भूल कर इन खेलों के अभूतपूर्व आनंद की अनुभूति लेते हैं। तेजी से लुप्त होते जा रहे ऐसे खेल और बच्चों की मासूमियत एक बार फिर से लोक खेलों के माध्यम से वापस लौटाई जा सकती है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए ’छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक’ की शुरूआत की जा रही है, आशा है इससे खेलों के प्रति एक उत्साह का वातावरण बनेगा और बच्चे एक बार फिर से खेलों के मैदान में दिखाई देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *