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नारायणपुर, 21 सितंबर 2022, घने जंगलों से आच्छादित नारायणपुर के अबूझमाड़ एवं अन्य इलाके में कठिन परिस्थितियों के बावजूद स्थानीय ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारा जा रहा है। ग्रामीणों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में क्षेत्र की शिशुवती और गर्भवती महिलाओं को ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ (पीएमएमवीवाई) के जरिए सुपोषण और बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जननी सुरक्षा योजना की ही तरह महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्षेत्र की महिलाओं के लिए ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ क्षेत्र में चलाई जा रही है। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए राशि प्रदान की जाती है। जिससे महिला और शिशु को सुपोषित आहार और बेहतर स्वास्थ्य मिल सके।
क्षेत्र की शाहिना बताती हैं: “मैं जब गर्भवती थी तब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा मुझे इस योजना की जानकारी मिली। मुझे और मेरे बच्चे को स्वास्थ्य सुविधा मिली। मुझे टीकाकरण के संबंध में जानकारी नहीं थी। मुझे उसकी जानकारी दी गई और बच्चे का टीकाकरण भी किया गया। योजना के अंतर्गत मुझे राशि भी प्रदान की गई जो क्रमवार मेरे बैंक खाते में आया। मैंने अपने परिवार की एक अन्य महिला को भी इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया है।“
इसी तरह सुधा बताती हैं: “मुझे भी प्रथम प्रसव के दौरान मातृ वंदना योजना का लाभ मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जब मेरे घर पर रेडी टू ईट का पैकेट देने आई तब मुझे उसने योजना के बारे में बताया। मेरा पंजीयन किया गया । इसके बाद मुझे 1,000 रूपए दिए गए। प्रसव के बाद 2,000 रूपए तथा तीन माह बाद टीकाकरण के पश्चात 2,000 मिले। इस राशि से सुपोषित आहार और फल-दूध लेने में मुझे सहुलियत हुई।“
इस संबंध में अबूझमाड़ की बाल विकास परियोजना अधिकारी, प्रतिभा शर्मा ने बताया:” गर्भवती महिलाओं को सुपोषित आहार और बेहतर स्वास्थ्य मिल सके इसलिए उन्हें मातृ वंदना योजना के तहत राशि प्रदान की जाती है। यह योजना निश्चित ही जीवन संचार का काम कर रही है। अबूझमाड़ की महिलाओं को गृह प्रसव के बाद योजना की राशि मिलने से बच्चे के स्वास्थ्य देखभाल और स्वयं के पोषण पर बेहतर उपयोग कर कुपोषण दूर कर पाने मे भी सहायता मिल रही है। योजना के तहत ऑनलाइन तीन आवेदन फार्म यानि आवेदन ‘क’, आवेदन ‘ख’ तथा आवेदन ‘ग’ भरवाते हैं।“
अब तक मिला लाभ – जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नारायणपुर रविकान्त धुरवे ने बताया: “योजना का लाभ क्षेत्र की महिलाएं ले रही हैं। क्षेत्र में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव बढ़ा है। साथ ही कुपोषण दर में कमीं भी आई है। प्रारम्भ से (2017 से) अब तक आवेदन ‘क’ के 2,364, आवेदन ‘ख’ के 2,132 तथा आवेदन ‘ग’ के 1,487 को योजना का लाभ मिला है। जिन्हें योजना अंतर्गत क्रमवार धनराशि उनके बैंक खातों में प्रदान की गई। “
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) – गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और संपूर्ण पोषण के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्षेत्र में चलाई जा रही है। अगर कोई गर्भवती महिला अपने बच्चे को किसी अस्पताल में जन्म देती हो या जननी सुरक्षा योजना की लाभार्थी हो तो उसे योजना का लाभ मिलता है। इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान लाभ दिया जाता है। योजना की लाभ राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाती है। पहली किस्त- 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय, दूसरी किस्त- 2000 रुपए,यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं । तीसरी किस्त- 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है तब दिया जाता है। योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलता है जो नौकरी या कोई व्यवसाय नहीं करती, यानि गृहणी हैं।