मानसिक स्वास्थ्य के लिए तनावमुक्त रहना बहुत जरूरी…

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– विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के तहत विशेषज्ञों ने दी सीख

– मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का लोगों को मिल रहा लाभ

बलौदाबाजार, 12 सितंबर 2022, “तनावमुक्त रहना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। परंतु जागरूकता के अभाव में अधिकतर लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं। अगर सही समय पर मानसिक समस्या तनाव का उपचार न किया जाए तो शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।“ उपरोक्त जानकारी विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के तहत जिला अस्पताल में आयोजित मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के दौरान डॉ. राकेश कुमार प्रेमी एवं अन्य विशेषज्ञों ने दी।

इस अवसर पर विशेषज्ञों ने बताया शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जिस प्रकार हम अपने खान-पान और व्यायाम करने पर ध्यान देते हैं, ठीक उसी प्रकार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं अवसाद, तनाव होने पर भी चिकित्सकीय सलाह जरूरी होती है। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों में इन समस्याओं का उपचार और परामर्श की सुविधा प्रदान की जाती है। इस मौके पर सीएमएचओ डॉ.एम. पी. माहेश्वर ने कहा: “लोग छोटी छोटी बातों से परेशान और निराश होकर जीवन समाप्त करने जैसे कदम उठा लेते हैं। जिंदगी में हर समस्या का समाधान संभव है। नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक व्यवहार के जरिए हम तनाव को दूर कर सकते हैं। यदि किसी भी व्यक्ति को मानसिक परेशानी या तनाव हो तो फौरन उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इस समस्या का उपचार और काउंसिलिंग लेनी चाहिए।“

कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. राजेश अवस्थी ने कहा “बहुत अधिक तनाव हानिकारक होता है, अत्याधिक निराश व्यक्ति के मन में जीवन समाप्त करने का विचार आ सकता है, व्यक्ति के मन में ऐसे विचार आना एक मानसिक बीमारी है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ही ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होती है, उचित परामर्श और चिकित्सा के माध्यम से इसका उपचार किया जा सकता है और जीवन समाप्त करने से रोका जा सकता है।“

आत्महत्या करना या उसका विचार आने का कोई एक कारण नहीं – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस) द्वारा गेटकीपर ट्रेनिंगसे प्रशिक्षित मनोचिकित्सक डॉ. राकेश कुमार प्रेमी ने बताया: ”आत्महत्या करना या उसका विचार आने का कोई एक कारण नहीं है। इसके अनगिनत कारण हो सकते हैं। लेकिन मानसिक तनाव एक मुख्य कारण है। यदि किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव दिखे, जैसे- निराशा, बेबसी और हीनता का भाव तो तुरंत मदद पहुंचानी होती है। क्योंकि यह मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होने के संकेत हैं। इसके साथ ही आत्महत्या का विचार रखने वालों को उपचार दिलाने के लिए उनके परिवार और दोस्तों को शामिल कर उन्हें भावनात्मक सहारा और स्वस्थ्य होने का आश्वासन अवश्य दें। जिन व्यक्तियों का इलाज चल रहा है उन रोगियों का फॉलोअप भी अवश्य करें।“ उन्होंने आगे बताया “मानसिक तनाव से बचने के लिए और भी कई उपाय हैं जैसे आप संगीत सुन सकते हैं, डान्स कर सकते हैं, बाहर घूमने जा सकते हैं या अपने किसी प्रिय से अपने दिल की बात कह सकते हैं।“

जागरूकता का प्रयास- विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के तहत 6 से 12 सितंबर तक विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ आत्महत्याओं को रोका जा सकता है, इस संदेश को देने का प्रयास किया गया। महाविद्यालय के छात्रों के लिए जहां कार्यशाला, गेटकीपर ट्रेनिंग आयोजित हुई। वहीं स्कूली छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता हुई। साथ ही सिग्नेचर कर लोगों ने आत्महत्या के मामलों को रोकने का संकल्प भी लिया।“

लोगों को मिल रहा परामर्श- मनोचिकित्सकों के अनुसार अवसाद , तनाव और मन में नकारात्मक विचार आने की वजह से लोग आत्मह्त्या का प्रयास, आत्महत्या का विचार रखते हैं या आत्महत्या करते हैं। अप्रैल 2021 से जुलाई 2022 तक में 582 लोगों की काउंसिलिंग की गई है। इनमें ब्लॉक कसडोल के 58, बलौदाबाजार के 252, बिलाईगढ़ के 117, सिमगा के 13, पलारी के 90, भाटापारा के 52 लोगों की काउंसिलिंग की गई। काउंसिलिंग की वजह से लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं।

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