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भिलाई। दुर्ग-भिलाई पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। म्यूल बैंक खाता धारकों के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
इनके 13 बैंक खातों में कुछ ही दिनों में 3.74 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन पाया गया, जो साइबर ठगी से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। यह कार्रवाई रेंज साइबर थाना दुर्ग के तहत की गई, जिसमें बंधन बैंक की स्मृति नगर शाखा से संचालित खातों की जांच के बाद ठोस सबूत मिले।
जांच की शुरुआत
3 मार्च 2025 को रेंज साइबर थाना दुर्ग में धारा 317(2), 317(4), 318(4), और 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान बंधन बैंक की स्मृति नगर शाखा, भिलाई के 13 म्यूल खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता चला।
इन खातों में कुल 3,74,87,193 रुपये की ठगी की रकम और 50,01,767 रुपये की डिस्प्यूटेड राशि पाई गई। पुलिस ने बैंक से खातों की जानकारी हासिल कर आरोपियों तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की।
आरोपियों के खिलाफ सबूत
पुलिस जांच में चार मुख्य आरोपी- अंशुल तिवारी, ललित कुमार चौहान, संजय कुमार शर्मा और एक अन्य शामिल पाए गए।
अंशुल तिवारी: खाता संख्या 20100031476242 में 21 जनवरी 2025 को 40,45,600 रुपये की फ्रॉड राशि प्राप्त हुई। पुणे के सिंहगढ़ रोड थाने में इसकी शिकायत दर्ज है।
ललित कुमार चौहान: खाता संख्या 20100018897792 में 28 और 29 अक्टूबर 2024 को कुल 65,000 रुपये की ठगी की राशि जमा हुई। यह मामला कोलकाता के पार्क स्ट्रीट थाने में दर्ज है।
संजय कुमार शर्मा: खाता संख्या 20200053214642 में 31 अगस्त 2024 को 45,000 रुपये की फ्रॉड राशि आई। यह शिकायत सोलापुर के करकाम थाने में दर्ज है।
खातों का दुरुपयोग
पूछताछ में आरोपियों ने अपने खातों को दूसरों को बेचने की बात कबूल की। अंशुल तिवारी ने बताया कि उसने अपने खाते से 16,17,477 रुपये एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर किए और 9,50,000 रुपये चेक से निकाले।
संजय कुमार शर्मा ने खुलासा किया कि उसने अपना खाता, एटीएम कार्ड, चेकबुक और लिंक मोबाइल नंबर बंधन बैंक के कर्मचारी दीपांकर सिंह को सौंपा था, जिसने इसका संचालन किया। आरोपियों के पास खातों से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला।
आरोपियों को भेजा जेल
पुलिस ने आरोपियों से एक चेकबुक और एटीएम कार्ड जब्त किया। सभी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
साइबर क्राइम पर नकेल कसने की कोशिश
यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्ती को दर्शाती है। म्यूल खातों के जरिए ठगी की रकम को इधर-उधर करने वाले गिरोह अब पुलिस के निशाने पर हैं। जांच में अन्य संदिग्धों और बैंक कर्मियों की भूमिका की भी पड़ताल जारी है।