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रायपुर। छत्तीसगढ़ के विजन@2047 के मिशन को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने खनिज की ई-नीलामी प्रक्रिया करके खनिज में पारदर्शिता और नवाचार करने की प्रक्रिया शुरू की है। प्रदेश में अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी हो चुकी है।
बैलाडीला क्षेत्र देश के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे इसी माह पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
देश में पहली बार खनिज लीथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा की गई है। इसके तहत जिला कोरबा के कटघोरा लीथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी माइनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आवंटित किया गया है।
राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लीथियम की खोज का काम भी किया जा रहा है। इसमें लीथियम के भंडार पाए जाने की पूर्ण संभावना है। खनिज की ई-नीलामी प्रक्रिया में अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के नौ, बॉक्साइट के 11, सोने के तीन, निकल, क्रोमियम के दो, ग्रेफाइट के दो, ग्लूकोनाइट के दो और लीथियम के एक खनिज ब्लॉक की नीलामी की गई है।
बढ़ा खनिज राजस्व
राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वर्ष 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है।
पर्यावरण संतुलन पर फोकस
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की है। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है।
गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई।
जल्द स्थापित होगा खनिज अन्वेषण ट्रस्ट
मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर प्रदेश में जल्द ही राज्य अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना होगी। केंद्र सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल और सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी 2025 में की गई है।
इसके अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों की खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत 56 खोज परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं में क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल पर कार्य किया जा रहा है।
खनिज की खोज के काम का विस्तार और नई परियोजनाएं
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में खोज का काम शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बाक्साइट के तीन लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है।
गौरतलब है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बाक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।