छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 4 डिस्टलरियों समेत 8 कंपनियां भी आरोपी,दबाव में काम कर रही थी डिस्टलरी, ईडी ने कोर्ट में दी दलील…

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रायपुर। शराब घोटाले मामले में रायपुर जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर के आवेदन पर सोमवार को ईडी की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद न्यायाधीश ने चार डिस्टलरियों समेत आठ फर्म और कंपनियों को आरोपित बनाने का आदेश सुनाया।

याचिकाकर्ता अनवर ढेबर ने इस घोटाले में शराब निर्माता कंपनियों के मालिकों को आरोपित बनाने की मांग कोर्ट से की थी। ईडी कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकार करने के साथ सोमवार को सुनवाई पूरी कर चार डिस्टलरियों समेत आठ फर्म व कंपनियों के मालिकों को शराब घोटाला का आरोपित बनाने का आदेश दिया।

दबाव की शिकायत वाले दावे को बताया गलत

छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले मामले में ई़डी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि घोटाले में 1200 करोड़ रुपये की राशि शराब निर्माण कंपनियों ने कमाए हैं। बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि ईडी की ओर से यह दलील पेश की जाती है कि शराब निर्माता कंपनियों की डिस्टलरी दबाव में काम कर रही थी।

अगर ऐसा है, तो उन्होंने इतने सालों में इसकी कही भी शिकायत क्यों नहीं दी? अगर डिस्टलरी पर दबाव बनाया गया है, तो उसकी भी जानकारी देनी चाहिए।

10 मार्च को ईओडब्ल्यू-एसीबी कोर्ट में होगी सुनवाई

शराब घोटाला मामले में ही अनवर ढेबर और रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की ओर से ईओडब्ल्यू-एसीबी की विशेष कोर्ट में डिस्टलरियों को आरोपित बनाने की याचिका की सुनवाई अब 10 मार्च को होगी। इस पर सोमवार को ईओडब्ल्यू की ओर से अपना जवाब भी कोर्ट में पेश कर दिया गया।

ईओडब्ल्यू,एसीबी के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है। डिस्टलरियों समेत अन्य के खिलाफ प्रर्याप्त साक्ष्य होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि शराब निर्माता कंपनियों के नाम ईओडब्ल्यू के आरोप पत्र में स्पष्ट उल्लेख होने के बाद भी आरोपित नहीं बनाया गया है।

इन कंपनियों को आरोपित बनाने की मांग की गई

भाटिया वाइन एंड मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड।

छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज।

वेलकम डिस्टलरीज।

मेसर्स नेक्स्ट जेन।

 

 

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