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नई दिल्ली: भारत में जमीन और संपत्ति की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है जो संपत्ति के स्वामित्व को सुनिश्चित करती है। हाल ही में, सरकार ने इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे और इनका मुख्य उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, धोखाधड़ी रोकना और प्रक्रिया को सरल बनाना है.
इन नए नियमों के तहत, जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए गए हैं जो न केवल प्रक्रिया को आसान और तेज बनाएंगे बल्कि फर्जी रजिस्ट्री और जमीन विवादों को भी रोकेंगे। ये बदलाव जमीन मालिकों, खरीदारों, रियल एस्टेट डेवलपर्स और सरकारी विभागों सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस लेख में हम इन नए नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि ये कैसे जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को बदलेंगे।
विवरण जानकारी
योजना का नाम जमीन रजिस्ट्री नए नियम 2025
लागू होने की तिथि 1 जनवरी 2025
लाभार्थी सभी प्रॉपर्टी खरीदार और विक्रेता
प्रमुख बदलाव डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन फीस भुगतान
उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, प्रक्रिया को सरल बनाना
कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा
लाभ तेज प्रक्रिया, कम भ्रष्टाचार, बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से
जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025: प्रमुख बदलाव
1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
नए नियमों के तहत, पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी. इसमें निम्नलिखित बदलाव शामिल हैं:
सभी दस्तावेज ऑनलाइन जमा होंगे
रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत खत्म होगी
डिजिटल सिग्नेचर और तुरंत डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा
प्रक्रिया तेज, सरल और पारदर्शी होगी
2. आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य
सुरक्षा और पहचान सत्यापन के लिए, आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य की गई है:
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के जरिए फर्जीवाड़ा रोका जाएगा
संपत्ति का रिकॉर्ड आधार से जुड़ेगा
बेनामी संपत्ति की ट्रैकिंग आसान होगी
3. रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग
पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए, रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है:
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी
यह भविष्य में किसी भी विवाद को सुलझाने में मदद करेगा
4. ऑनलाइन फीस भुगतान
रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान अब ऑनलाइन किया जा सकेगा:
डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से फीस का भुगतान
नकद लेनदेन में कमी से भ्रष्टाचार कम होगा
जमीन रजिस्ट्री कैंसिल करने के नए नियम
नए नियमों के तहत, जमीन रजिस्ट्री को कैंसिल करने की प्रक्रिया भी बदल गई है:
रजिस्ट्री कैंसिल करने का समय
अधिकांश राज्यों में रजिस्ट्री कैंसिल करने का समय 90 दिन तक का निर्धारित किया गया है.
कैंसिलेशन के कारण
रजिस्ट्री कैंसिल करने के लिए वैध कारण होना चाहिए, जैसे:
गैरकानूनी तरीके से की गई रजिस्ट्री
आर्थिक कारण
पारिवारिक आपत्ति
आवेदन प्रक्रिया
रजिस्ट्री कैंसिल करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
शहरी क्षेत्र में नगर निगम या निबंधन विभाग के कार्यालय में संपर्क करें
ग्रामीण क्षेत्र में तहसील कार्यालय में संपर्क करें
आवश्यक दस्तावेज जमा करें, जिसमें आपत्ति पत्र, हाल की रजिस्ट्री के दस्तावेज, और पहचान प्रमाण शामिल हैं
ऑनलाइन कैंसिलेशन
कुछ राज्यों में ऑनलाइन रजिस्ट्री कैंसिलेशन की सुविधा भी शुरू की गई है.
Property Registration Details: आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया
जमीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
टाइटल डीड: संपत्ति का कानूनी स्वामित्व दर्शाने वाला दस्तावेज
सेल डीड: खरीद-बिक्री का अनुबंध
कर रसीदें: संपत्ति कर के भुगतान के प्रमाण
आधार कार्ड: खरीदार और विक्रेता दोनों का
पैन कार्ड: आयकर विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र
फोटो पहचान पत्र: वोटर आईडी, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस
जमीन रजिस्ट्री के 4 बड़े बदलाव, जानें 2025 में लागू हुए नए नियम Land Registry New Rules 2025
ब्लॉकचेन तकनीक: जमीन रजिस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव
2025 से, भारत में जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जाएगा. यह तकनीक डेटा की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करेगी. ब्लॉकचेन के उपयोग से निम्नलिखित लाभ होंगे:
डेटा की सुरक्षा और अपरिवर्तनीयता
पारदर्शिता में वृद्धि
धोखाधड़ी और गलत जानकारी के जोखिम में कमी
तेज और कुशल प्रक्रिया
जमीन रजिस्ट्री कैंसिल करने की प्रक्रिया
जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने के लिए सही कारण बताना होगा. इसे रद्द करने के लिए बहुत ही आसान और सरल तरीके हैं. जमीन की रजिस्ट्री रद्द करवाने के लिए आपको ये कार्य करने होंगे:
सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार ऑफिस जाना होगा।
वहां जाकर आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा।
आवेदन पत्र के साथ आपको कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
इसके बाद रजिस्ट्रार आपके आवेदन की जांच करेंगे।
यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो रजिस्ट्री रद्द कर दी जाएगी।
रजिस्ट्री कब रद्द हो सकती है?
रजिस्ट्री निम्नलिखित परिस्थितियों में रद्द की जा सकती है:
अगर किसी के हस्ताक्षर जाली हैं, या नकली दस्तावेज तैयार किए जाते हैं।
किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जमीन है उसे कोई और व्यक्ति बेच रहा है।
जमीन का मालिक तथा उसे जमीन को खरीदने वाला व्यक्ति के बीच में उस जमीन का कीमत ना मिलना।
जमीन का वास्तविक मालिक ना हो, और उसे जमीन को अन्य कोई व्यक्ति रजिस्ट्री करवाना चाहता है।
जमीन की रजिस्ट्री कराते समय जमीन के दस्तावेजों में गड़बड़ी होने के कारण।