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सुकमा। जिले के दुलेड इलाके में घोर जंगल के बीच प्राचीन गुफा को नक्सलियों ने अपने कब्जे में ले रखा था। यहां नक्सली छुपने के साथ-साथ हथियार बनाते थे। ताजा खबर यह है कि जवानों की सक्रियता के चलते यहां से विस्फोटक सामग्री के साथ-साथ लेंथ मशीन भी बरामद हो गई है। लगातार जवान इलाके की सर्चिंग कर रहे हैं जिसके कारण धीरे-धीरे नक्सली बैक फुट पर नजर आ रहे हैं।
बुधवार सुबह 203 कोबरा बटालियन और 131 बटालियन सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मेटागुडेम और डुलेर गांवों के बीच के वन क्षेत्र में विस्फोटक सामग्री और हथियार निर्माण उपकरणों का बड़ा भंडार सफलतापूर्वक बरामद किया। इस अभियान में दोनों बटालियनों की कई स्ट्राइक टीमों द्वारा समन्वित कार्रवाई की गई।
203 कोबरा के 5 टीमों ने 131 बटालियन सीआरपीएफ की ए और डी कंपनियों के साथ मिलकर क्षेत्र में माओवादी उपस्थिति के बारे में खुफिया इनपुट मिलने के बाद व्यापक खोज अभियान चलाया। इस दौरान खोज दल ने मेटागुडेम गांव से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर एक गुफा को खोजा।
बरामद शस्त्रागार में 21 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) साबुन के केसों में पैक, मल्टीपल बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) बम, एक जनरेटर सेट, लेथ मशीन के सामान, विस्फोटक बनाने की बड़ी मात्रा में सामग्री, गन निर्माण के उपकरण और आवश्यक चिकित्सा सामग्री शामिल हैं।
प्रत्येक बरामद आईईडी का वजन लगभग 250 ग्राम था। इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी माओवादी संचालन के लिए क्षेत्र में एक बड़ा झटका है। 203 कोबरा की विशेष डॉग स्क्वाड और बम डिटेक्शन टीमों ने छिपे हुए भंडार को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैंप को निशाना बनाने का था उद्देश्य
जांच में अधिकारियों को पता चला कि माओवादी कार्यकर्ता क्षेत्र में नए स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) को निशाना बनाने की योजना बना सकते हैं। बरामद वस्तुओं की जटिल प्रकृति निकटवर्ती एक सक्रिय निर्माण इकाई का संकेत देती है।