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कोरबा: फ्लोरा मैक्स कंपनी से ठगी का शिकार हुई आंदोलनरत महिलाएं आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के मंत्री रामविचार नेताम और उद्योग व श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन को एक कार्यक्रम के दौरान घेर लिया।
दोपहर तीन से पांच बजे तक करीब दो घंटे तक कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं निकलने दिया। मौके पर पहुंचे कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक ने किसी तरह महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, पर महिलाएं नहीं सुनी और घेराव जारी रखा।
खुद दोनों मंत्री बाहर निकल कर उन्हें समझाइश देने का प्रयास किया, तो उनके साथ भी महिलाओं ने बहस की। मंत्रियो को बाहर निकाले जाने के दौरान एक महिला काफिले के सामने सड़क पर लेट गई।
फ्लोरा मैक्स स्कैम
आजीविका से जोड़े जाने का झांसा देकर फ्लोरा मैक्स ने कोरबा समेत पांच जिले के 37 हजार महिलाओं से 110 करोड़ की ठगी की है। इससे पीड़ित महिलाएं छह जनवरी से कलेक्ट्रेट के पास तानसेन चौक में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं।
नजदीक में ही महर्षि वाल्मिकी आश्रम में आदिवासियों का गौरा-गौरी व बैगा पूजन कार्यक्रम में शामिल होने मंत्री नेताम व देवांगन पहुंचे थे। आंदोलन स्थल से ही मंत्री गुजर कर कार्यक्रम स्थल पहुंचे। मंत्रियों को घेरने की योजना आनन फानन में महिलाओं ने बना ली।
महिलाओं की नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस भवन में कार्यक्रम चल रहा था, ठीक उसके बाहर मुख्य द्वार पर धरना देकर बैठ गईं। कुछ महिलाएं भवन के अंदर घुस गई और मंत्रियों के साथ बहस करने लगीं।
सैकड़ों की संख्या में महिलाएं मौजूद थी। उन्हें रोकने पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से अंदर से दरवाजा को बंद कर दिया। सीएसपी कोरबा भूषण एक्का उस वक्त मौके पर थे, उन्होंने महिलाओं को समझाइश देने का प्रयास किया, पर उग्र महिलाएं पुलिस के अधिकारी व जवानों से अभद्रता करते हुए धक्का-मुक्की की।
बिगड़ते हालात को देख अतिरिक्त बल मंगाया गया और कलेक्टर अजीत वसंत व एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला। इसके बाद भी बात नहीं बनी और महिलाएं लोन माफ करने की लिखित आश्वासन कलेक्टर से मांगने लगे।
कलेक्टर ने समझाने का यह प्रयास किया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, पर महिलाएं अपनी मांग पर अड़ी रहीं। करीब दो घंटे तक हंगामा चलते रहा और अंतत: भवन से बाहर पुलिस सुरक्षा के बीच मंत्री नेताम व देवांगन को बाहर निकाला गया।
भवन के बाहर धरने पर बैठी महिलाएं, मंत्रियों को देखते ही उन्हें घेर लिया और उनके साथ भी बहस करने लगी। किसी तरह पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों मंत्रियों को कार्यक्रम स्थल से रवाना किया गया।