विश्व हिंदी दिवस पर विशेष संपादकीयः छत्तीसगढ़ के साथ विश्व स्तर पर दिख रहा हिन्दी भाषा का प्रभाव: महेन्द्र सिंह मरपच्ची

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विश्व हिंदी दिवस पर विशेष संपादकीयः छत्तीसगढ़ के साथ विश्व स्तर पर दिख रहा हिन्दी भाषा का प्रभाव: महेन्द्र सिंह मरपच्ची

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एमसीबी/10 जनवरी 2025: हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाने वाला विश्व हिंदी दिवस हिंदी भाषा की महत्ता को समर्पित एक विशेष अवसर रहता है। यह दिन हिंदी भाषा के वैश्विक महत्व और उसकी समृद्धि को उजागर करता है। हिंदी जो भारत की राजभाषा है, अब सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भाषा बन चुकी है। इस विषय में छत्तीसगढ़ सरकार की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि यहां हिंदी भाषा को न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि इसे आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रोत्साहित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से हिंदी को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने राज्य में हिंदी के साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किए हैं। राज्य में हिंदी को शिक्षा, प्रशासन और सरकारी कार्यों के माध्यम से प्रमुखता दी गई है। हिंदी में सरकारी दस्तावेजों का प्रचार-प्रसार, योजनाओं की जानकारी और प्रशासनिक कार्यों की संचालन विधि यह सब छत्तीसगढ़ में हिंदी के सम्मान और प्रभाव को बढ़ाते रहे हैं।

शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिंदी का रहता है महत्वपूर्ण योगदान

छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा प्रणाली में भी हिंदी को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में हिंदी को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता है, जिससे छात्रों को अपनी मातृभाषा में सशक्त शिक्षा मिल सके। इसके अलावा हिंदी साहित्य और कविता के अध्ययन के माध्यम से छात्र हिंदी भाषा और संस्कृति से जुड़ते हैं। राज्य सरकार द्वारा आयोजित साहित्यिक कार्यशालाएं, कवि सम्मेलनों और संगोष्ठियों में हिंदी के प्रमुख लेखकों और कवियों को आमंत्रित किया जाता है, ताकि हिंदी साहित्य की समृद्धि और विस्तार हो सके। हिंदी के प्रचार-प्रसार में मीडिया का भी महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य के स्थानीय मीडिया जैसे कि टीवी चौनल्स, रेडियो स्टेशन, और समाचार पत्रों ने हिंदी में सूचना और मनोरंजन के माध्यम से सरकारी योजनाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचाई है।

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हिंदी भाषा छत्तीसगढ़ की लोक साहित्यिक की धरोहर

छत्तीसगढ़ की लोक साहित्य और हिंदी साहित्य के बीच गहरा संबंध है। यहां के लोक साहित्य, गीत और काव्य रचनाएं हिंदी भाषा के माध्यम से ही प्रसारित होती हैं। राज्य सरकार ने लोक साहित्य को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। लोक कवियों और साहित्यकारों को सम्मानित किया जाता है, और उनके कार्यों को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाता है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने हिंदी को व्यावसायिक रूप में प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी नौकरियों में हिंदी को प्रमुख भाषा के रूप में अपनाया है। इस प्रकार हिंदी को एक सक्षम और प्रभावशाली भाषा के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

हिंदी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए किया जा रहा प्रयास

वही केन्द्र की सरकार न केवल राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई कदम उठा रही है। विभिन्न देशों में हिंदी सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत के हिंदी साहित्यकार और संस्कृति प्रेमी भाग लेते हैं। इस प्रकार हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त पहचान मिल रही है।

डिजिटल प्लेटफार्म पर भी दिख रहा हिंदी का प्रभाव

डिजिटल युग में केन्द्र सरकार ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफार्मों का भरपूर उपयोग किया है। सभी राज्यों की वेबसाइटों, मोबाइल एप्लिकेशनों और सोशल मीडिया पर हिंदी में सेवाएं और जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इससे राज्य के नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में सुविधाएं मिल रही हैं, और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उनके पास सहजता से पहुंच रही है।

हिंदी भाषा में अब हो रहा शोध और अनुसंधान

वही छत्तीसगढ़ राज्य में हिंदी भाषा में शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की गई हैं। राज्य के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में हिंदी साहित्य पर शोध कार्य को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अलावा हिंदी में लिखी गई किताबों और शोधपत्रों को मान्यता देने के लिए पुरस्कारों और अनुदानों की व्यवस्था की गई है, जिससे हिंदी के समृद्ध साहित्यिक धरोहर का निर्माण हो सके।

हिंदी भाषा का सामाजिक सशक्तिकरण में हो रहा महत्वपूर्ण योगदान

हिंदी भाषा का सामाजिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण योगदान है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हिंदी के माध्यम से राज्य के नागरिकों, खासकर महिलाओं, आदिवासी समुदाय और पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों और सामाजिक स्थिति के प्रति जागरूक किया है। हिंदी भाषा ने राज्य में एकता और विविधता के बीच सामंजस्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा का दिख रहा प्रभाव

हिंदी केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिससे विदेशों में भी हिंदी बोलने वालों की संख्या लगभग लाखों में है। जैसे नेपाल, मॉरीशस, फिजी, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में हिंदी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। इन देशों में भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या है, जो हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं। हिंदी का योगदान केवल एक भाषा के रूप में नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, समाज और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन चुकी है। भारत में हिंदी की लोकप्रियता और प्रभाव हर दिन बढ़ रहा है, और यह समाज के हर वर्ग तक पहुंच रही है। छत्तीसगढ़ राज्य की सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से हिंदी को बढ़ावा मिल रहा है, और राज्य में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। हिंदी के वैश्विक प्रभाव और छत्तीसगढ़ सरकार के योगदान से यह स्पष्ट होता है कि हिंदी का भविष्य उज्जवल है, और इसके विस्तार और प्रभाव के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

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