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रायपुर। राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति के तहत जेम्स एंड ज्वेलरी व हॉलमार्किंग को भी सेवा के क्षेत्र में शामिल किया है। इसके चलते अब जेम्स एंड ज्वेलरी व हॉलमार्किंग के क्षेत्र में निवेश करने वाले कारोबारी भी उद्योगों के समान मिलने वाली छूट ले सकते हैं।
उद्योग विभाग का कहना है कि सेवा क्षेत्र में इन्हें शामिल करने से अब इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। राज्य में वर्तमान में 5,000 से ज्यादा सराफा कारोबारी हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर में लगभग नौ हॉलमार्किंग सेंटर हैं। अकेले रायपुर में ही छह हॉलमार्किंग सेंटर हैं।
इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद अब निवेश बढ़ने की संभावना है। सराफा सेक्टर से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ ही हॉलमार्किंग सेक्टर में 40 से 50 बड़े-बड़े समूह भी आने की तैयारी में हैं।
निवेशकों को यह मिलेगा फायदा
अब जेम्स एंड ज्वेलरी व हॉलमार्किंग के क्षेत्र के निवेशकों को भी उद्योगों के समान ही रियायतें मिलेंगी। इसके तहत ब्याज में सब्सिडी के साथ ही बिजली बिल की दरों में छूट और जमीन की रजिस्ट्री शुल्क में छूट है।
हुआ था सेमिनार
उद्योग विभाग एवं छत्तीसगढ़ चेंबर आफ कामर्स के संयुक्त तत्वावधान में 30 दिसंबर को उद्योग भवन में सेमिनार हुआ था। इसमें राज्य शासन द्वारा जेम्स एंड ज्वेलरी एवं हामार्किंग सेक्टर को उद्योग का दर्जा प्रदान करने तथा शासन की ओर से इस योजना में दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के विषय में जानकारी दी गई।
उद्योग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जेम्स एंड ज्वेलरी एवं हॉलमार्किंग सेक्टर को उद्योग का दर्जा मिलने पर प्रदेश में इस क्षेत्र में और भी तेजी से विकास होगा। साथ ही नए रोजगार भी पैदा होंगे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ चेंबर कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, उद्योग विभाग से प्रभात मलिक (डायरेक्टर उद्योग विभाग छत्तीसगढ़), आलोक तिवारी सहित बहुत से लोग उपस्थित थे।
आभूषणों में अनिवार्य है हॉलमार्किंग
केंद्र सरकार ने आभूषणों में हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है। इसके चलते सराफा कारोबारियों की मांग भी रही है कि प्रदेश के सभी जिलों के साथ ही उन सभी क्षेत्रों में हाल मार्किंग सेंटर खुलने चाहिए, जहां अभी ये सेंटर नहीं है।
प्रदेश में अभी काफी कम सेंटर होने की वजह से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले कारोबारियों को परेशानी होती है। हॉलमार्किंग सेंटर सभी क्षेत्रों में होने से उपभोक्ताओं को भी इसका फायदा मिलेगा, वे कहीं भी आभूषणों की शुद्धता की जांच भी करवा सकते हैं।
सोने की शुद्धता बताता है हॉलमार्क
सोने की शुद्धता के लिए हॉलमार्किंग की जाती है। Bureau of Indian Standards यानी BIS के मानकों के हिसाब से सोने और चांदी में हॉलमार्किंग जरूरी है। अगर किसी ज्वेलरी में हॉलमार्किंग है, तो इसका मतलब कि वो शुद्ध है। ज्वैलरी में कैरेट और शुद्धता के अनुसार हॉलमार्किंग के निशान डाले जाते हैं। हॉलमार्क होने पर दुकानदार खरे सोने के दाम लेकर कम कैरेट के गहने नहीं बेच सकेगा।