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बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात फेंगल का असर तमिलनाडु पुडुचेरी सहित कई अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। फेंगल की वजह से ओडिशा के कई जिलों में शुक्रवार से ही रिमझिम बारिश शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने 12 जिलों में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है। वहीं जमशेदपुर में भी बादल छाए रहने का अनुमान है।
साइक्लोन फेंगल का झारखंड-ओडिशा में भी असर
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात फेंगल (Fengal Cyclone) का असर राजधानी भुवनेश्वर समेत कई जिलों में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार सुबह से ही कई जिलों में रिमझिम बारिश जारी है। वहीं मौसम विभाग ने राज्य के 12 जिलों के लिए हल्की से मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम एरिया से उठ रहे चक्रवात फेंगल का असर शहर में भी देखने को मिल सकता है। इस दौरान एक से तीन दिसंबर तक आसमान में बादल छाए रहेंगे।
हालांकि, मौसम वैज्ञानियों के अनुसार चक्रवात अब कमजोर पड़ता जा रहा है, जो तूफान पहले 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था अब उसकी स्पीड घटकर 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटा ही रह गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र भुवनेश्वर के अनुसार शुक्रवार सुबह से कटक, पुरी, गंजाम, गजपति, कोरापुट, मालकानगिरी और रायगढ़ जिलों में हल्की वर्षा के साथ आसमान बादलों से घिरा रहा।
इस बीच मौसम विभाग ने बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, ढेंकानाल, कटक, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गजपति और गंजाम में वर्षा को लेकर चेतावनी जारी की थी।
चक्रवात फेंगल को लेकर अलर्ट जारी
चक्रवात ‘फेंगल’ के प्रभाव से तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों पर तेज हवा के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है।
इस दौरान 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
भारी बारिश की संभावना को देखते हुए तटीय इलाकों के लिए अलर्ट भी जारी किया गया है।
जमशेदपुर में 3 दिन बादल छाए रहने का अनुमान
जमशेदपुर में भी चक्रवात फेंगल का असर देखने को मिलेगा, 3 दिनों तक बादल छाए रहने का अनुमान है। वहीं, नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में ठंड काफी बढ़ गई है। शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह-शाम कोहरा व धुंध भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कोहरे की वजह से हादसों की संभावना बढ़ी
कोहरे की वजह से इस मौसम में दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। वहीं दूसरी ओर बढ़ते ठंड के मौसम में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में रोजाना दो-चार मरीज पहुंच रहे हैं। इस मौसम में हार्ट के मरीजों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है।