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बिलासपुर: जिला कांग्रेस कमेटी शहर व ग्रामीण ने राज्य सरकार के खिलाफ सोमवार की दोपहर नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेसी नेताओं ने बलरामपुर जिले में पुलिस अभिरक्षा में युवक की मौत और दामाखेड़ा में गुरु परिवार पर हुए जानलेवा हमले समेत राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार की विफलता बताई। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के सुशासन के दावे खोखले साबित हो चुके हैं। भाजपा के कुशासन ने छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बना दिया है।
जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महज़ नौ महीनों में ही भाजपा के कुशासन ने छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ बना दिया है। धार्मिक आस्था पर प्रहार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में शांति और सद्भावना के अग्रदूत कहे जाने वाले कबीर पंथी और सतनाम पंथी लोग आज भय और आतंक के साये में जी रहे हैं। अपराधी बेखौफ होकर दामाखेड़ा में संत कबीर आश्रम में गुरु परिवार पर हमला कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर संत गुरु घासीदास के पवित्र जैतखंभ को काटकर धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं। साहू समाज, सतनामी समाज, आदिवासी समाज और इस तरह सभी जाति-समाज, धर्म-सम्प्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में गंभीर अराजकता और आम जनता में भय का वातावरण है। अपराधी बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं।
ला एंड आर्डर की जिम्मेदारी जिस कलेक्टर और एसपी के हाथ में होती हैं वहीं अपने कार्यालय की हिफाज़त नहीं कर पा रहे हैं तो फिर आम आदमी को सुरक्षा और न्याय मिल पाना कल्पना से परे है। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि बलरामपुर में एक आदमी न्याय की गुहार लगाते थाने जाता है, वहां पुलिस उसे ही प्रताड़ित करने लगता है और थाने में ही उसकी मृत्यु हो जाती है। प्रताड़ना से हुई मौत को पुलिस और छत्तीसगढ़ की निकम्मी सरकार आत्महत्या सिद्ध करने पर तुली हुई है। आज राजधानी रायपुर क्राइम कैपिटल बन गया है। पूरे प्रदेश में चाहे वह बलौदा बाजार हो, लोहारीडीह हो, सूरजपुर हो, बिलासपुर हो, बलरामपुर हो सभी जगह रोजाना हत्या, दुष्कर्म, चाकूबाजी, राहजनी जैसे संगीन अपराध घटित हो रहे हैं और भाजपा सरकार सोयी हुई है।
धरना प्रदर्शन में प्रमोद नायक, जितेन्द्र पांडेय, सीमा धृतेश, राजेन्द्र साहू डब्बू, गीतांजलि कौशिक, लक्ष्मीनाथ साहू, अरविंद शुक्ला, विनोद साहू, मोती थारवानी, झगरराम सूर्यवंशी, बिहारी देवांगन, राकेश शर्मा, शेख़ असमल, तैयब हुसैन, गौरव ऐरी, राजेश जायसवाल, काशी रात्रे, पूर्व विधायक रश्मि सिंह, नगर निगम के सभापति शेख़ नजीरुद्दीन, अभय नारायण राय, सीताराम जायसवाल, मनीष गढ़ेवाल, रामा बघेल, सुरेश टंडन, समीर अहमद बबला, शिवा मिश्रा, सुजीत यादव, विनय अग्रवाल, देवेन्द्र सिंह बाटू, राहुल ठाकुर, करम गोरख, अशोक सूर्यवंशी शामिल रहे।
प्रदेश सरकार हुई असहाय
जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की नहीं बल्कि विष्णुदेव असहाय की सरकार है। भाजपा नेताओं के बीच सत्ता का संघर्ष चरम पर है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों की आपसी कलह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में स्थापित सुशासन को पूरी तरह मटियामेट कर दिया है और अब जनता की सुध लेने वाला सरकार में कोई भी नजर नहीं आ रहा है।
युवाओं को धकेला जा रहा नशे की गिरफ्त में
केशरवानी छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए भाजपा सरकार के पास न तो नीति हैं और ना ही नियत है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन इन तीनों को दिल्ली में बैठे नरेन्द्र मोदी और अमित शाह कठपुतली की तरह नचा रहे हैं और सिर्फ अमीर उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचा रहे हैं। आम आदमी डर और बदहाली की ज़िंदगी जी रहे हैं। प्रदेश में युवा नशे की गिरफ्त में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
एनसीआरबी के आंकड़े में बढा अपराध
प्रदेश महामंत्री अर्जुन तिवारी ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के पांच साल के कार्यकाल में जितने आपराधिक मामले दर्ज हुए उससे कई गुना ज्यादा आपराधिक घटनाएं भाजपा सरकार के सिर्फ नौ महीने के शासन में घटित हो गए हैं और ये मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि रोजाना अखबारों में छपी खबरें और एनसीआरबी के आंकड़े बता रहे हैं। बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मूल में नशाखोरी है, जिसे छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने खुली छूट दे दी है। भूपेश सरकार में आबकारी से राजस्व का लक्ष्य 6300 करोड़ रुपये था, जिसे ओपी चौधरी ने बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित कर दिया है।