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रायपुर। दक्षिण के उपचुनाव में भाजपा की महतारी वंदन योजना एक महत्वपूर्ण फैक्टर के रूप में उभरकर सामने आ रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने इस योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये देने का वादा किया था, जिसके चलते पार्टी ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। लोकसभा चुनाव में भी इस योजना का सीधा प्रभाव देखा गया था, और अब फिर से दक्षिण के उपचुनाव में इसके असर की उम्मीद जताई जा रही है।
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 19 वार्ड हैं, जिनमें आठ महिला पार्षद हैं। इनमें से पांच पार्षद भाजपा की हैं, जबकि तीन पार्षद कांग्रेस के पास हैं। ऐसे में भाजपा का महतारी वंदन योजना का फार्मूला आधी आबादी को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे पार्टी को उपचुनाव में लाभ हो सकता है
दूसरी ओर निकाय चुनाव का भी उपचुनाव पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सभी वार्डों में भाजपा के पार्षदों की संख्या कांग्रेस की तुलना में कम है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 11 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पास केवल आठ पार्षद हैं। यह स्थिति कांग्रेस को वार्डवार बढ़त बनाने का मौका दे सकती है।
दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने पार्षदों को क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है, साथ ही विधायकों और संगठन के लोगों को भी उनकी गतिविधियों की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी है। यदि कोई पार्षद पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल पाया गया, तो उनके ऊपर निकाय चुनाव में कार्रवाई की जा सकती है। इस कारण, दोनों पार्टियों के पार्षद अपनी पार्टी के प्रति समर्पित रहेंगे।
इन सभी कारणों के चलते, दक्षिण का यह चुनावी रण और भी रोचक होता दिखाई दे रहा है। महतारी वंदन योजना के प्रभाव, पार्षदों की जिम्मेदारियों और निकाय चुनाव के परिणामों का मिलाजुला असर इस उपचुनाव को महत्वपूर्ण बना सकता है।